15 असम राइफल्स (Assam Rifles) में तैनात उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के वीर सपूत महेंद्र सिंह मेहता शहीद, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार..
15 असम राइफल्स (Assam Rifles) में तैनात राज्य के वीर सपूत महेंद्र सिंह मेहता की शहादत की खबर असम से आ रही है। शहीद महेंद्र राज्य (Uttarakhand) के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले थे। बताया गया है कि शहीद महेंद्र बीते 28 दिसंबर को गश्त के दौरान हुए एक हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तभी से सेना के सीजा अस्पताल इंफाल में उनका उपचार चल रहा था। जहां बीते चार मार्च को उन्होने आखिरी सांस ली। महेंद्र की शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मच गया वहीं उनकी यूनिट में भी मातम पसर गया। उनकी यूनिट के जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए देहरादून भिजवाया। जहां से एंबुलेंस के जरिये उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव पहुंचाया गया। उनके पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने पर जहां अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी वहीं परिजन बेसुध हो गए। परिजनों एवं ग्रामीणों के अंतिम दर्शनों के बाद शहीद महेंद्र का अंतिम संस्कार स्थानीय रामेश्वर घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान उनके चाचा त्रिलोक सिंह और बड़े भाई शंकर सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
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शहीद के पिता बहादुर सिंह भी कुमाऊं रेजिमेंट में रहकर कर चुके हैं देश की सेवा:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील के सिमलकोट निवासी महेंद्र सिंह मेहता 15 असम राइफल्स में तैनात थे। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग इंफाल में थी। जहां बीते 28 दिसंबर को गश्त के दौरान उनका पैर फिसल गया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया गया है कि उनके सिर पर गहरी चोट आई थी। दो महीने से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे महेंद्र ने बीते चार मार्च को अस्पताल में उपचार के दौरान अपना दम तोड दिया। बीते शनिवार को जैसे ही शहीद महेंद्र का पार्थिव शरीर सेना के जवानों द्वारा उनके घर लाया गया तो परिजनों में कोहराम मच गया। तिरंगे में लिपटे बेटे के पार्थिव शरीर को देखकर जहां महेंद्र की वृद्ध मां भागुली देवी बेसुध हो गई वहीं उनकी पत्नी ममता मेहता भी गहरे सदमे में हैं। बता दें कि एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले शहीद महेंद्र सिंह के पिता बहादुर सिंह जहां 15 कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात थे वहीं उनके भतीजे मनीष मेहता तीन कुमाऊं में तैनात हैं। महेंद्र के दो बच्चे हैं 10 वर्षीय बेटी पूजा मेहता और सात साल का बेटा अर्पित जो एलकेजी में पढ़ता है। परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही दोनों बच्चों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
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