Kedarnath cloud burst rescue : रुद्रप्रयाग जिले में कहर बनकर टूटी आफत की बारिश, बादल फटने से केदारनाथ पैदल मार्ग हुआ ध्वस्त, अभी भी 1500 से अधिक यात्री फंसे, रेस्क्यू के लिए चिनूक एवं एमआई-17 हेलीकॉप्टर पहुंचे, 150 यात्री लापता…
Kedarnath cloud burst rescue उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के लिए 31 जुलाई की रात बेहद आफत भरी साबित हुई क्योंकि इस दिन भारी बारिश के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली और भीमबली के बीच दो स्थानों पर बादल फटने से भारी भूस्खलन हुआ जिसके चलते पैदल मार्ग कई जगह ध्वस्त हुए। इतना ही नहीं बल्कि केदारनाथ यात्रा पर आए करीब 4000 से अधिक यात्री मार्ग पर फंस गए जबकि 16 यात्री लापता है। यात्रियों को मार्ग से सुरक्षित वापिस लाने के लिए एसडीआरएफ समेत अन्य राहत बचाव दलों द्वारा यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है।
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Kedarnath rescue news today अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ धाम के विभिन्न स्थानों पर भीमबली ,जानकी चट्टी, गौरीकुंड व सोनप्रयाग मे फंसे तीर्थ यात्रियों का एसीडीआरएफ की टीमों द्वारा सुरक्षित रेस्क्यू किया जा रहा है। इसके लिए ड्रोन की सहायता से एसडीआरएफ की टीमों को नई कार्य योजनाओं से अवगत कराया गया जिससे रेस्क्यू अभियान को और अधिक प्रभावी ढंग से चलाया जा रहा है। इसके साथ ही रुद्रप्रयाग कंट्रोल रूम से रेस्क्यू ऑपरेशन पर पल-पल नजर रखी जा रही है। दरअसल केदारनाथ में लगातार मौसम भी खराब हो रहा है जिसके कारण विजिबिलिटी लगभग न के बराबर है जिससे रेस्क्यू करने में भी दिक्कतें आ रही है। वहीं आज शुक्रवार को मौसम थोड़ा साफ होने पर यात्रियों के रेस्क्यू के लिए एयरलिफ्ट का सहारा लिया गया है जिसमें वायु सेना का चिनूक एवं एमआई – 17 हेलीकॉप्टर को शुक्रवार सुबह गोचर पहुंचाया गया। इसके माध्यम से यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
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Rudraprayag news today दरअसल अभी तक 6980 से यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जिनमें से 700 का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू किया गया है। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर स्थानीय लोग इन दोनों कारोबार करते हैं आशंका जताई जा रही है कि उनमें से करीब 150 लोग लापता है, जिनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लोगों द्वारा मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने दिन भर खोजबीन की मगर अब तक किसी का पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा तीर्थ यात्रियों के लिए प्रशासन के स्तर से भोजन पानी एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है भारी बारिश से बने आपदा जैसे हालात पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी संज्ञान लिया है और पीएम कार्यालय ने राज्य में मौजूदा स्थिति की भी जानकारी ली इन हालातो पर पीएम नजर बनाए हुए हैं वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और अभी भी वे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।