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उत्तराखण्ड: दोनों बेटे फंसे दिल्ली में पहाड़ में पिता की मौत, सासंद अजय टम्टा बने फरिश्ता

uttarakhand: पहाड़ में पिता की हो गई मौत तो दिल्ली में फंसे बेटों के लिए फरिस्ता बनकर आए लोकसभा सांसद टम्टा..

लाॅकडाउनके दौरान जहां कुछ लोग बेवजह सड़क पर घूमते हुए पाए गए हैं वहीं इस समय देश के विभिन्न हिस्सों में कुछ लोग वास्तव में बेहद परेशानी और बुरे दौर में फंसे हुए हैं ऐसी ही एक खबर राज्य के बागेश्वर जिले की है। जहां एक व्यक्ति की मौत हो गई उसके दोनों बेटे लॉकडाउन के कारण दिल्ली से घर वापस नहीं लौट पा रहे थे। परिवार में मुश्किलों का दौर चल रहा था। इस मुश्किल हालात में लोकसभा सांसद अजय टम्टा इस परिवार के लिए एक फरिश्ता बनकर सामने आए उन्होंने किसी तरह अपने रिस्क में मृतक के दोनों लड़कों और बहू को घर भेजने की व्यवस्था की। सांसद की इस मदद से जब परिवार के लोग किसी तरह घर पहुंचे तब जाकर गांव के पैतृक श्मशान घाट पर मृतक का अंतिम संस्कार हो पाया। जिसके बाद जहां परिजनों ने राहत की सांस ली वहीं मृतक के दोनों बेटों के मुंह से सांसद को धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं निकल रहें थे। मृतक के दोनों बेटों ने हाथ जोड़कर जैसे ही थैक्स अजय टम्टा कहा, उनकी आंखों से अश्रुओं की धारा बह निकली जो यह बताने के लिए काफी थी कि सांसद जी आज अगर आप ना होते तो हम घर कैसे पहुंच पाते।


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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के बागेश्वर जिले के गांसी गांव निवासी मानी राम का शुक्रवार शाम करीब 4 बजे निधन हो गया था। बताया गया है कि मृतक के दोनों लड़के प्रताप कुमार और गणेश राम दिल्ली में किसी निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। मृतक के परिजनों ने दोनों को उनके पिता का निधन होने की सूचना दी, जिस पर दोनों पुत्रों और उनके साथ रह रही मृतक की बहू कलावती देवी घर आने के लिए तैयार होने लगें। परंतु चाह कर भी ना तो उन्हें कोई वाहन ही मिल रहा था और ना ही घर जाने की परमिशन। जब उन्होंने परिजनों को यह समस्या बताई तो गांव की प्रधान प्रीता देवी और जिला रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक लोहनी ने क्षेत्र के लोकसभा सांसद अजय टम्टा से मदद की गुहार लगाई। सांसद टम्टा ने भी उनकी परेशानी समझकर न सिर्फ दोनों पुत्रों और बहू का गांव जानेने के लिए पास बनवाया बल्कि उनके लिए एक कार की व्यवस्था भी की। जिसके बाद मृतक के दोनों बेटे, बहू के साथ बीती रात को दिल्ली से रवाना हुए। जब आज सुबह वह अपने गांव पहुंचे तब जाकर दोपहर को उनके मृतक पिता का अंतिम संस्कार हो पाया। इस दुखद घड़ी में सांसद टम्टा के द्वारा की गई मदद के लिए दोनों बेटों ने दिल से आभार जताया।


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