Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="uttarakhand son not rech his father funeral"

उत्तराखण्ड

हल्द्वानी

उत्तराखण्ड: बेटा बोर्डर पर है तैनात लाॅकडाउन के चलते नहीं आ सका… पिता को मुखाग्नि देने

uttarakhand: फौजी बेटा नहीं दे सका अपने पिता की चिता को मुखाग्नि, फूट-फूटकर रोया..

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर रखा है। इस वैश्विक महामारी की वजह से जहां लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए वहीं बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने आवश्यक काम भी पूरे नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राज्य के नैनीताल जिले से सामने आ रहा है। जहां परिवार का एक इकलोता फोजी बेटा यातायात के साधन ना होने से ना तो अपने पिता के अंतिम दर्शन कर पाया और ना ही उनकी चिता को मुखाग्नि दे‌ पाया। इस हृदयविदारक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिता की अंत्येष्टि के बाद जब शाम को उसने अपने घर फोन किया तो परिजनों से बात करते-करते वह खुद को अभागा कहकर फफक-फफक कर रो पड़ा। परिजनों ने उसे किसी तरह समझाकर सांत्वना दी।


यह भी पढ़ें- भारतीय सेना में तैनात उत्तराखंड के जवान की ड्यूटी के दौरान मौत, सैन्य सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि

घर का था इकलौता बेटा:- प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के संजय नगर-2 बिंदुखत्ता निवासी लीलाधर पाठक भारतीय सेना में हैं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में है जहां वह नायक के पद तैनात है। बताया गया है कि शुक्रवार रात को नायक लीलाधर के बीमार पिता नारायण दत्त पाठक का घर पर निधन हो गया। परिजनों ने इस दुखद खबर की जानकारी इकलौते बेटे लीलाधर को दी। लेकिन लाॅकडाउन के चलते बंद हुई यातायात सुविधाओं के कारण वह घर नहीं आ सकें। उन्होंने जब अपनी मजबूरी परिजनों को बताई तो परिवार वाले नायक के मृतक पिता को पैतृक घाट ले गए जहां मृतक नारायण दत्त के भाई कैलाश पाठक और गणेश पाठक ने अपने बड़े भाई की चिता को मुखाग्नि दी। शाम को जब लीलाधर ने परिजनों से फोन पर बात की तो वह बात करते-2 फफक-फफक कर रो पड़े। उनका कहना था कि वह एक बेटे का फर्ज नहीं निभा सकें। परिजनों ने उन्हें किसी तरह समझा-बुझाकर ढांढस बंधाया। परिजनों ने उन्हें यह भी बताया कि यहां सभी के सहयोग से उसके पिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।


यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: दोनों बेटे फंसे दिल्ली में पहाड़ में पिता की मौत, सासंद अजय टम्टा बने फरिश्ता

लेख शेयर करे

More in उत्तराखण्ड

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement Enter ad code here

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

To Top