Uttarakhand Principal bharti 2024: उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के 692 पदों पर होने वाली सीधी भर्ती होगी स्थगित, शासन ने आयोग को भेजा पत्र….
Uttarakhand Principal bharti 2024: उत्तराखण्ड में प्रधानाचार्य के 692 पदों पर सितंबर माह में होने वाली सीधी भर्ती को राजकीय शिक्षक संघ के विरोध के बाद स्थगित करने के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जिसके चलते अब इस भर्ती पर रोक लगने वाली है। दरअसल प्रदेश में सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के खाली पड़े पदों को भरने के लिए शासन ने 50% पदों पर विभागीय सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया था लेकिन विरोध के चलते इस भर्ती को टाला जा सकता है।
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ukpsc Principal vacancy 2024 बता दें उत्तराखंड में 29 सितंबर को प्रस्तावित होने वाली प्रधानाचार्य के 692 पदों पर भर्ती स्थगित होने वाली है। इसके लिए राजकीय शिक्षक संघ के विरोध के बाद शासन ने इस संबंध में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि विभागीय परीक्षा में और अधिक प्रतिस्पर्धा लाई जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अध्यापन संवर्ग राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 में संशोधन किया जाएगा तथा संशोधन के बाद परीक्षा कराई जाने की उम्मीद है। दरअसल प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को भरने के लिए शासन ने 50% पदों पर विभागीय सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया था जिसके लिए उत्तराखंड शैक्षिक अध्यापन संवर्ग राजपत्रित सेवा नियमावली में संशोधन के बाद शासन ने 22 फरवरी 2024 को लोक सेवा आयोग को भर्ती का प्रस्ताव भेजा था लेकिन राजकीय शिक्षक संघ शुरू से ही इस भर्ती का विरोध कर रहा था जिसको ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
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Uttarakhand Principal job 2024 इस संबंध में संगठन का कहना है कि प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पद पदोन्नति के पद हैं और इन पदों पर विभागीय सीधी भर्ती वर्षों से कार्यरत शिक्षकों के लिए अन्याय है संगठन के प्रदेश भर में विरोध के बाद शासन ने भर्ती स्थगित करने के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा है। जिसमें शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने आयोग के सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि प्रवक्ता के पद पर कार्यरत कुछ शिक्षक विभागीय परीक्षा में अर्ह नहीं हो पा रहे हैं। इन शिक्षकों की ओर से उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिकाएं दाखिल की गई हैं कि विभागीय परीक्षा को स्थगित किया जाए। शिक्षकों का आंदोलन अभी भी जारी है कि भर्ती स्थगित नहीं बल्कि रद्द की जाए।