पाकिस्तानी गोलीबारी का जबाव देते हुए देवभूमि के वीर सपूत राकेश डोभाल (Rakesh Doval) ने दिया सर्वोच्च बलिदान, बीएसएफ (BSF) में थे तैनात..
जम्मू-कश्मीर बार्डर पर पड़ोसी देश पाकिस्तान की नापाक हरकतें लगातार जारी है। इसी बीच देवभूमि उत्तराखंड को गमहीन करने वाली एक दुखद खबर आज फिर जम्मू-कश्मीर बार्डर से आ रही है जहां मां भारती की रक्षा करते हुए देवभूमि उत्तराखंड के एक और लाल राकेश डोभाल (Rakesh Doval) ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। बताया गया है कि शुक्रवार को हुई इस गोलाबारी में शहीद राकेश के साथ ही सेना के तीन अन्य जवान भी शहीद हुए हैं भारत के चार अन्य नागरिकों की मौत हो गई है। शहीद जवान राकेश तीर्थनगरी ऋषिकेश के रहने वाले बताए गए हैं जो बीएसएफ(BSF) में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। उनकी शहादत की खबर से जहां दीपावली की तैयारियों में जुटे परिजनों में कोहराम मच गया और उनकी आंखों से आंसू थमने का नहीं ले रहे है वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। जवान की शहादत पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सहित पक्ष-विपक्ष के तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। शहीद सब इंस्पेक्टर राकेश अपने पीछे पत्नी और दस वर्षीय मासूम बेटी के साथ पूरे परिवार को रोता-बिलखता छोड़कर गए हैं।
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शहादत की खबर से मृतक के परिजनों में कोहराम, 2004 में हुए थे बीएसएफ में भर्ती:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के ऋषिकेश के गली नंबर चार गणेश विहार गंगानगर निवासी राकेश डोभाल बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में थी। बताया गया है कि शुक्रवार सुबह भी पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी का जबाव देते हुए राकेश गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। जिस पर बीएसएफ के अधिकारियों ने उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उपचार के दौरान दोपहर को वह जिंदगी और मौत के बीच की जंग हार गए और वीरगति को प्राप्त हुए। बीएसएफ के अधिकारियों की ओर से परिजनों को बताया गया है कि उनके सर पर गोली लगी थी। बता दें कि सब इंस्पेक्टर राकेश 2004 में सेना में भर्ती हुए थे। उनकी शहादत की खबर से जहां राकेश की पत्नी संतोषी देवी और दस वर्षीय बेटी दित्या का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं शहीद की मां विमला देवी सहित अन्य परिजनों की आंखों से भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि शहीद की मां विमला अपने पति कमलकांत के निधन के बाद उनकी जगह राजकीय महाविद्यालय कार्यालय में तैनात हैं जबकि शहीद का बड़ा भाई दीपक डोभाल ग्राफिक एरा देहरादून में टीचर है तथा छोटा भाई उमेश डोभाल दिल्ली के एक होटल में काम करता है।
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