Uttarakhand roadways free service : विजय दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की महत्वपूर्ण घोषणा, अब रोडवेज की बसों मे मुफ्त सफर करेंगी बलिदानी सैनिकों की वीरांगना व माताएं…..
Uttarakhand roadways free service: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर महत्वपूर्ण घोषणाएं की जिसमें उन्होंने उत्तराखंड राज्य की रोडवेज बसों में बलिदानी सैनिकों की वीरांगनाओं और माताओं को मुफ्त यात्रा करने की सुविधा प्रदान की है। दरअसल यह कदम सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को सम्मान देने और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशीलता दर्शाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस घोषणा से वीरांगनाओं और माताओं को राज्य भर मे परिवहन सुविधा का लाभ मिलेगा जिससे उनके आवागमन में सहूलियत होगी।
यह भी पढ़ें- Uttarakhand: उत्तराखंड शहीदों के परिजनों को बड़ी सौगात, बसों में करेंगे मुफ्त यात्रा
Vijay divas uttarakhand roadways आपको बता दें वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना ने अपने पराक्रम और शौर्यता का परिचय देते हुए करीब 93 हजार से अधिक पाकिस्तान के सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर किया था इतना ही नहीं बल्कि बांग्लादेश को पाकिस्तान के अत्याचार से मुक्त भी कराया था। इसके साथ ही कई वीर जवानों ने देश की आजादी के बाद से अभी तक कई बार अपने प्राणों की कुर्बानी दी। जिसके चलते 16 दिसंबर को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि कोई भी उनके बलिदान को ना भूल सके।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी ने शहीदों के परिजनों को मिलने वाली धनराशि में किया बड़ा बदलाव
uttarakhand cm pushkar Dhami इसी क्रम में बीते सोमवार 16 दिसंबर 2024 को देहरादून जिले में स्थित परेड ग्राउंड में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तमाम वीरांगनाओं और शहीद की माताओं को निशुल्क यात्रा की सुविधा देने की घोषणा की। जबकि रिटायर्ड सैनिकों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बलिदानी सैनिकों की वीरांगना और वीर माताओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी जिससे उन्हें यात्रा करने में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। बताते चलें अभी तक विभिन्न युद्ध व सैन्य ऑपरेशन में उत्तराखंड राज्य के करीब 1,685 सैनिक शहीद हुए है जिनके बलिदान को कभी बुलाया नहीं जा सकता है।
यह भी पढ़ें- चमोली के तरुण बने सेना में लेफ्टिनेंट बेटे को अफसर की वर्दी में देख भर आई सूबेदार पिता की आँखे