Chandrayan3 Deepak Agarwal: चंद्रयान-3 की इस अभूतपूर्व सफलता में उत्तराखंड के अग्रवाल दंपति भी रहे भागीदार, टीम का हिस्सा बनकर दिया अपना अहम योगदान….
बीते रोज चन्द्रयान 3 के चांद की सतह को छूने की सफलता के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 की इस अभूतपूर्व सफलता में उत्तराखंड के अग्रवाल दंपति भी भागीदार रहे हैं। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार क्षेत्र के दुगड्डा के रहने वाले दीपक अग्रवाल और उनकी पत्नी पायल अग्रवाल की, जो चंद्रयान-3 की टीम का हिस्सा रहे हैं। चंद्रयान-3 की इस अपार सफलता से दोनों पति-पत्नी खासे उत्साहित हैं। उन्होंने इसे गर्व का क्षण बताया है। आपको बता दें कि इससे पहले दीपक मंगल मिशन, चंद्रयान-1, जीएसएलवी उड़ान के लिए क्रायोजेनिक इंजन के विकास और जीएसएलवी एमके-3 मिशन में भी अपना अहम योगदान दे चुके हैं।
(Chandrayan3 Deepak Agarwal)
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बता दें कि इसरो में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत दीपक अग्रवाल का जन्म दुगड्डा के मोती बाजार में 1979 में हुआ था। अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्षेत्र के ही सरस्वती शिशु मंदिर से प्राप्त करने वाले दीपक ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई जीआईसी दुगड्डा से की है। तदोपरांत उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक और कानपुर से एमटेक की डिग्री हासिल की। 2004 में पायल से शादी होने के बाद दोनों ने वर्ष 2006 में इसरो में अपनी ज्वाइनिंग दी। बताते चलें कि दुगड्डा उनकी पत्नी पायल का ननिहाल था, यहीं से दोनों का रिश्ता तय हुआ था। जिसके बाद पहले दोनों शादी के बंधन में बंधे और फिर एक साथ इसरो में ज्वाइनिंग कर देश के प्रगति पथ को आगे बढ़ाने में एक साथ अपना अहम योगदान देने लगे।
(Chandrayan3 Deepak Agarwal)
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