Meena upadhyay assistant professor : बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है मीना, गांव से ही प्राप्त की हैं प्रारंभिक शिक्षा, अब बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में UKPSC परीक्षा उत्तीर्ण कर बनी असिस्टेंट प्रोफेसर….
Meena upadhyay assistant professor: उत्तराखण्ड की होनहार बेटियां आज चहुंओर अपनी काबिलियत का परचम लहरा रही है। आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां राज्य की प्रतिभावान बेटियों ने अपनी काबिलियत का डंका ना बजाया हों। आए दिन हम आपको राज्य की इन प्रतिभाशाली बेटियों की अभूतपूर्व सफलताओं की खबरों से रू-ब-रू कराते रहते हैं इसी कड़ी में आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का मुकाम हासिल किया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील क्षेत्र के खोली गांव निवासी डॉक्टर मीना उपाध्याय की, जिनका चयन उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक परीक्षा में हो गया है। सबसे खास बात तो यह है कि बिना किसी कोचिंग के अपने पहले ही प्रयास में असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के परिणामों में मीना ने इतिहास विषय में समूचे प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उन्हें बधाई देने वालों का तांता भी लगा हुआ है।
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Meena upadhyay DIDIHAT Pithoragarh प्राप्त जानकारी के अनुसार एक बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली मीना ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की है। तदोपरांत उन्होंने 9वीं तक की शिक्षा विवेकानंद विद्या मंदिर डीडीहाट एवं हाईस्कूल एवं इंटरमिडिएट की परीक्षा सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज पिथौरागढ़ से उत्तीर्ण की है। जिसके बाद उन्होंने लक्ष्मण सिंह महर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ से स्नातक एवं परास्नातक की डिग्री हासिल की। इतना ही नहीं बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल दर्जे की छात्रा रही मीना ने न सिर्फ इतिहास विषय में चार बार यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण की है बल्कि वह पीएचडी की मानक उपाधि भी हासिल कर चुकी हैं।
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UKPSC assistant professor exam result 2025 आपको बता दें कि उनके पिता आनंद बल्लभ उपाध्याय जहां एक पुरोहित हैं वहीं उनकी मां ललिता उपाध्याय एक कुशल गृहिणी हैं। मीना ने अपनी यह अभूतपूर्व सफलता बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के दम पर हासिल की है। हालांकि इसके लिए उन्होंने यूट्यूब और गूगल का भी सहारा लिया। मीना ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय जहां अपने माता-पिता को दिया है वहीं वह सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या रेखा जोशी को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा मानती है। युवाओं को संदेश देते हुए मीना कहती हैं कि यदि कड़ी मेहनत और लगन से संघर्ष किया जाए तो एक ना एक दिन सफलता जरूर मिलती है।
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