Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
alt="people walking in uttarakhand due to lockdown"

उत्तराखण्ड

चम्पावत

लाॅकडाउन के चलते पिथौरागढ़ से 175 किमी. पैदल चलकर चौथे दिन टनकपुर पहुंचे ये लोग

uttarakhand: लाॅकडाउन के चलते सैकड़ों किमी की यात्राएं पैदल करने को मजबूर हुए लोग, तब पहुंच रहे घर..

किसी ने सच ही कहा है कि “परिस्थितियां चाहे कैसी भी क्यों ना हो उसकी मार हमेशा गरीबों को ही पढ़ती है” आज के इन मुश्किल हालातों में यह बात एक बार फिर सही साबित हुई है। जहां देश-प्रदेश की अधिकतर आबादी इन दिनों अपने घरों में कैद है वहीं देश के हजारों गरीब मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ रही है। इनमें से अधिकांश मजदूर तो ऐसे हैं जिनके पास लाॅकडाउन के कारण न तो रहने का कोई ठिकाना रहा और ना ही खाने के लिए भोजन। विदित हो कि इनमें से अधिकतर मजदूर रोजमर्रा के कामों में मेहनत-मजदूरी करकर अपना घर चलाते हैं। आज फिर एक ऐसी ही तस्वीर हमारे सामने आई है जिसमें पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कुछ मजदूरों को लाॅकडाउन के चलते वाहनों के ना मिलने के कारण पिथौरागढ़ से टनकपुर तक की 175 किमी तक की कठिन यात्रा पैदल ही पूरी करनी पड़ी। इतना ही नहीं टनकपुर से भी कोई वाहन ना मिलने के कारण अब वह पैदल ही अपने गृहजनपद बहराइच के लिए रवाना हो गए हैं। सबसे हृदयविदारक बात तो यह है कि इन मजदूरों के साथ छोटे-छोटे बच्चें और महिलाएं भी है। जो इतना चलने के बाद बार-बार पैरों में दर्द से कराह भी रहे हैं परन्तु मजबूरीवश खुद को चलने से रोक भी नहीं पा रही है।


यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: लाॅकडाउन के चलते सीएम ने बाजार खुलने का समय प्रात: 7 से दिन में 1 बजे किया घोषित

पुराने जमाने की यादें हुई ताजा, चार दिन में तय किया 175 किमी का सफर:- एक जमाना था जब पहाड़ों में यातायात की सुविधा न होने के कारण लोगों को पैदल ही अपना सफर तय करना पड़ता था। बशर्ते उस दौर में पैदल चलना आज के समय के हिसाब कहीं अधिक आसान था क्योंकि उस दौर में एक तो लोगों को गाड़ियों में सफर करने की आदत न थी और दूसरा लोग शार्टकट रास्तों का इस्तेमाल करते थे जिनकी दूरी आज के सड़क मार्ग की दूरी के हिसाब से काफी कम होती थी। लाॅकडाउन के इस दौर ने फिर पहाड़ों के उस न समय की यादें ताजा कर दी है जब लोग पैदल ही सैकड़ों किमी की यात्रा करने को मजबूर होते थे। बता दें कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के चलते दूर दराज से आए मजदूरों का अपने घर लौटने के लिए कई किलोमीटर की पैदल यात्रा करने का सिलसिला जारी है। ऐसे ही पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कुछ मजदूर पिथौरागढ़ से चार दिन में 175 किमी का सफर तय करने के बाद बीते शुक्रवार को टनकपुर पहुंचे। लेकिन उनकी मुश्किलें यही नहीं थमी बल्कि यहां से भी कोई वाहन ना मिलने के कारण उन्हें बहराइच के लिए पैदल ही निकलना पड़ा। इन मजदूरों के समूह में शामिल जय सिंह ने बताया कि वह बीते 25 मार्च की सुबह पिथौरागढ़ से पैदल रवाना हुए थे। उन्होंने यह भी बताया कि हालांकि वह अपने साथ रास्ते का भोजन भी लेकर चल रहे हैं, परंतु छोटे-छोटे बच्चों को साथ लेकर महिलाओं का पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। उनको एक उम्मीद थी कि मैदान से उन्हें कोई ना कोई साधन मिल ही जाएगा लेकिन आज वह भी टूट गई।


 यह भी पढ़ें- जब नहीं मिला वाहन, गोद में तीन माह का बच्चा लिए पैदल ही दिल्ली से उत्तराखंड पहुंची महिला

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top