Pooja Arya AIPAN Rakhi: अल्मोड़ा की पूजा आर्या पहाड़ी संस्कृति से लोगों को जोड़े रखने के लिए बना रही हैं ऐपण राखी,
ऐपण, पहाड़ी संस्कृति की एक ऐसी विरासत जो प्राचीन समय से चली आ रही है। पहाड़ में कोई भी मांगलिक कार्य बिना ऐपण के अधूरे है, क्योंकि ऐपण हमारे रीति-रीवाजों, हमारी परम्परा का अभिन्न अंग है। हालांकि इस आधुनिक युग में हम अपनी इस विरासत को भूलते जा रहे हैं। लेकिन देवभूमि के कुछ ऐसे युवा भी हैं जो पहाड़ की इस विरासत को बचाने के लिए प्रयास कर रहे है। उन्ही युवाओं में से एक नाम अल्मोड़ा की पूजा आर्य का भी शामिल है। जी हां पूजा आर्या देश विदेश में निवास कर रहे पहाड़ के लोगो को अपनी संस्कृति से जोड़ने का निरंतर प्रयास कर रही हैं। बता दें कि राखी का त्यौहार नजदीक है ऐसे मे पूजा ऐपण वाली राखियां बना रही है।जिसमे वह पहाडी भाषा के शब्दो का प्रयोग कर रही है।पूजा आर्या राखी के ऊपर भुला, प्यारा भाई, ब्रो, ओम, स्वातिक, प्यारे भैया, दाज्यू जैसे शब्द ऐपण से लिख रही हैं।(Pooja Arya AIPAN Rakhi)
यह भी पढ़िए: उत्तराखण्ड : इस रक्षाबंधन पर भाई – बहनों के कलाइयों पर मीनाक्षी की ऐपण राखियाँ बढ़ाएगी शोभा
बताते चले कि पूजा के पिता ललित प्रसाद पेंटर का काम करते है।अपने पिता के काम को देखकर ही पूजा को प्रेरणा मिली और वो भी कला के क्षेत्र में उतर गई।पूजा आर्या की राखी को राज्य के अलावा अन्य राज्य के शहरो मे भी काफी पंसद किया जा रहा है तथा उनके द्वारा बनाई गई ऐपण की राखियों की डिमांड काफी बढ़ रही है। पूजा को उनके सोशल मीडिया अकाउंट के द्वारा राखियों का आर्डर प्राप्त हो रहा है। पूजा राखियों के अलावा माता की चौकी, पूजा के थाल, शुभवर्तन, नेमप्लेट, बाइक के झंडे, छल्ले, और कपड़ों पर ऐपण कला बनाती है।
राखी खरीदने के लिए पूजा से संपर्क कर सकते हैं: