Martyr Dev bahadur: शहीद के नाम से जाना जाएगा क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय, राज्य के शिक्षा मंत्री ने की घोषणा..
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद होने वाले देव बहादुर (Martyr Dev bahadur) के घर में इस वक्त गम का माहौल है। दूर-दूर से लोग शहीद के परिजनों को सांत्वना देने आ रहे हैं। आम लोगों के साथ ही सरकारी प्रतिनिधि भी शहीद जवान के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं। देव बहादुर की शहादत की खबर मिलते ही बीते रविवार को जहां क्षेत्र के विधायक राजेश शुक्ला ने जवान के परिजनों का दुख-दर्द बांटने का प्रयास किया वहीं सोमवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय शहीद के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाते नजर आए। उन्होंने कहा कि जवान की शहादत पर उन्हें गर्व है। पूरा उत्तराखण्ड आज शहीद के परिजनों के साथ है। इसके साथ ही उन्होंने उन्होंने गौरिकला प्राथमिक विद्यालय का नाम शहीद देव बहादुर थापा के नाम करने की घोषणा करने के साथ ही मिनी स्टेडियम के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश भी एसडीएम को दिए। उन्होंने शहीद के पिता शेर बहादुर को भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हरदम उनके साथ खड़ी हैं। शिक्षा मंत्री की घोषणा के बाद अब क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय शहीद देव बहादुर के नाम से जाना जाएगा।
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नवंबर में घर आने वाला था देव, परिजन जुटे थे उसकी शादी की तैयारियों में:-
गौरतलब है कि राज्य के उधमसिंह नगर जिले के किच्छा तहसील के गौरीकलां निवासी देव बहादुर थापा बीते शनिवार को जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए थे। वह गोरखा रेजीमेंट में थे। बता दें कि शहीद देव बहादुर ने अपने परिजनों को बताया था कि वह आगामी नवंबर माह में छुट्टी लेकर घर आएगा। परिजन देव की इस बात से काफी खुश थे और उसके हाथ पीले करने की तैयारियों में लगे थे। शहीद की मां ने तो अपने बेटे के लिए लड़की भी पसंद कर ली थी। जिससे वह नवंबर माह में देव को मिलवाने वाली थी। लेकिन देव की शहादत से मां का यह सपना अधूरा रह गया। शहादत की खबर सुनने के बाद से ही परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। देव के साथ बिताए गई हसीन यादें उन्हें रह-रहकर याद आ रही है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार शहीद देव बहादुर (Martyr Dev bahadur) का पार्थिव शरीर आज देर रात तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है। बताते चलें कि पहले आशंका जताई जा रही थी कि पार्थिव शरीर बीते रविवार को ही पैतृक गांव पहुंच जाएगा परंतु अपरिहार्य कारणों से अभी तक पार्थिव शरीर उनके घर नहीं पहुंच पाया है।
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