Uttarakhand MLA SALARY allowance :उत्तराखंड के विधायकों के वेतन में हुई बढ़ोतरी, 4 लाख रूपये मिलेंगे प्रतिमाह..
Uttarakhand MLA SALARY allowance :आपदाग्रस्त पहाड़, जगह-जगह फटते बादलों से जूझते ग्रामीण, लगातार सामने आ रही तबाही की खबरें और लम्बे समय से वेतन बढ़ाने की मांग करते आउटसोर्स कर्मचारी। इन सबके बीच उत्तराखण्ड सरकार ने उसी आपदाग्रस्त पहाड़ में विधानसभा सत्र आयोजित कर विधायकों की मौज करा दी है। जी हां… ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन पटल पर अनुपूरक बजट के साथ-साथ आठ विधेयक भी पेश किए गए। जिसमें विधायकों के वेतन भक्तों में बढ़ोतरी विधेयक पर मुहर लग चुकी है। इसके साथ ही विधायकों को प्रतिमाह दिए जाने वाले वेतन में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं विधायकों को विदेश में फ्री में इलाज कराने के प्रस्ताव पर भी सदन ने अपनी मुहर लगा दी है। एक और जहां पहाड़ के स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था से त्रस्त है और पहाड़ के अस्पताल आज महज रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं। ऐसे में उत्तराखण्ड की धामी सरकार ने आपदा में अवसर ढूंढते हुए न सिर्फ विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने का काम किया है बल्कि इस बात पर भी मुहर लगा दी है कि उन्हें पहाड़ की बुनियाद स्वास्थ्य सुविधा की बदहाल व्यवस्था जैसे मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है।
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Uttarakhand monsoon season gairsain बता दें बीते गुरुवार को मानसून सत्र का दूसरा दिन था जिसके चलते चमोली जिले के गैरसैंण सदन पटल पर अनुपूरक बजट के साथ-साथ आठ विधेयक भी पेश किए गए। जिसमें जेल में सुधार विधेयक तथा विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी को शामिल किया गया था। जिसके चलते विधायकों के वेतन भक्तों में बढ़ोतरी विधेयक पर मुहर लग चुकी है। इसके साथ ही 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को अब प्रतिमाह वेतन भत्ते के रूप में लगभग चार लाख रुपए मिलेंगे। बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों के साथ ही उनके वैयक्तिक सहायक के वेतन में वृद्धि की संस्तुति की थी। अभी तक विधायकों को वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह लगभग 2.90 लाख रुपए मिलते हैं। विधायकों के वेतन भत्तों में अलग-अलग मदो में तकरीबन 1 लाख रुपए तक की बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं वाहन चालकों को अब तक ₹12 हजार वेतन मिलता था जिसे अब बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया है। इसके अलावा रेलवे के लिए दिए जाने वाले भत्ते का इस्तेमाल न होने पर वह भत्ता विधायकों को भुगतान कर दिया जाएगा जो तकरीबन 70 हजार के करीब है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने का सही समय था? एक और जहां पहाड़ में लगातार बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही है। खासतौर पर गढ़वाल मंडल के चमोली, रूद्रप्रयाग एवं टिहरी गढ़वाल जिलों में बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली है। ऐसे समय में जन-सरोकारों को तव्वजो देने के बजाय महज माननीयों के वेतन भत्ते बढ़ाने के गैरसैंण में तीन दिवसीय सत्र आयोजित किया जा रहा है। सबसे खास बात तो यह है कि जिस चमोली जिले की धरा पर यह सारी पटकथा लिखी गई वहां भी बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली है।
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