uttarakhand: प्रधानमंत्री के विशेष आग्रह के बावजूद भी बाजार में भीड़ की स्थिति ज्यों की त्यों, नहीं दिख रही सामाजिक दूरी..
शायद देवभूमि उत्तराखंड की जनता को अभी भी यह समझ नहीं आ पा रहा है कि पूरे देश में लाॅक डाउन क्यों किया गया है। आखिर राज्य के मुख्यमंत्री सहित देश के प्रधानमंत्री तक सभी नेता किस सामाजिक दूरी (सोशियल डिस्टेन्सिंग) की बात कर रहे हैं। तभी तो सरकार द्वारा दिए गए 7 से दस बजे के छूट के समय में देश के प्रधानमंत्री की बातों का अनुसरण नहीं किया जारा। प्रधानमंत्री ने हाथ जोड़कर देश की जनता से अपील की उसके बावजूद लोगों ने उसे रात को एक कान से सुना और सुबह होते ही दूसरे कान से निकाल दिया। इन तस्वीरों को देखकर आप खुद ही समझ सकते हैं कि सुबह सात से दस बजे तक मिली छूट में सामाजिक दूरी नाम की कोई चीज ही नहीं है। लोग दुकानों में भीड़ के रूप में एकत्रित हो रहे हैं, सामान खरीदने के लिए मारामारी कर रहे हैं। ये राज्य के किसी एक क्षेत्र के हालात नहीं है बल्कि राज्य के लगभग सभी जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में दुकानों सुबह के समय भारी मात्रा में आज भी भीड़ देखी गई है। आज हमको समझना पड़ेगा कि कहीं पर भी ऐसा नहीं लिखा है कि कोरोना वायरस दस बजे से पहले किसी पर अटैक नहीं करेगा, न ही सरकारों ने घर पर रहने की बातें मजाक में कहीं है। कोरोना वायरस के प्रभाव से उपजे इन कठिन हालातों में लाॅकडाउन करना आज हर देश-प्रदेश की मजबूरी बन गया है और इसकी सार्थकता तभी है जब वहां की जनता लाॅकडाउन के सही अर्थ को समझकर एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाए रखें।
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दुकानों में लगी बेतहाशा भीड़, कहीं नजर नहीं आई सामाजिक दूरी, एक दूसरे से चिपककर भी खड़े रहे लोग:- राज्य सरकार ने लाॅकडाउन की इन कठिन परिस्थितियों के बीच जनता को सुबह 7 से दस बजे तक लाॅकडाउन से राहत देने का फैसला किया है। इस समय में सभी आवश्यक वस्तुओं की दुकानों से लेकर बैंक/एटीएम तक सब कुछ खुले हुए हैं। लेकिन राज्य की जनता द्वारा सरकार द्वारा मिली इस छूट का गलत फायदा उठाया जा रहा है। बात अगर राजधानी देहरादून की करें तो देहरादून के आढ़त बाजार में सुबह सात बजे से ही जाम की स्थिति हो गई। सामान के लिए लोगों में मारामारी का आलम नजर आया। जहां देखो वहां लोग सामान देखते ही उस पर टूट पड़े। हरिद्वार, हल्द्वानी और नैनीताल में भी ऐसा ही कुछ माहौल नजर आया। उधर लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर हरिद्वार की कनखल पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। देहरादून में जहां एक दुकान में 40-50 लोग एक साथ नजर आए वहीं हल्द्वानी, चम्पावत, टनकपुर, नैनीताल और मसूरी में एक दुकान में 15-20 लोग बिना किसी सामाजिक दूरी से सामान की मारामारी करते नजर आए। हम आशा करते हैं कि सरकार इन हालातों को देखते हुए कोई कड़ा निर्णय लेगी और उत्तराखण्ड में भी दूसरे राज्यों की तरह आवश्यक वस्तुओं को लोगों के घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
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