Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day

उत्तराखण्ड

नैनीताल

नैनीताल: कुमाऊं रेजिमेंट के जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा घर, अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब

रानीखेत के कुमाऊं रेजिमेंट केन्द्र में प्रशिक्षण के दौरान हुए हादसे में मौत का शिकार हुए रिक्रूट देवेन्द्र सिंह सम्मल की पार्थिव शरीर का रविवार को राजकीय अस्पताल में पुलिस व सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद मिलट्री हॉस्पिटल में सेना की ओर से दिवंगत रिक्रूट के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। इसके बाद जवान के पार्थिव शरीर को सेना के विशेष वाहन से उसके घर भेज दिया गया। पार्थिव देह के देवेन्द्र के गांव में पहुंचते ही वहां मातम पसर गया। हर कोई हादसे में मौत का शिकार हुए रिक्रूट देवेन्द्र के घर की ओर खिंचा चला आया। घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। देवेन्द्र के घर में तो मौत की खबर से ही कोहराम मचा हुआ था। शाम के वक्त जैसे ही देवेन्द्र का पार्थिव शरीर उसके घर पहुंचा तो जवान बेटे को ऐसे देखकर मां गोमती देवी एवं उसके दोनों बड़े भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उनकी आंखों से आंसू रूकने का नाम ही नहीं ले रहे। देवेन्द्र की ‌मां गोमती देवी तो बार-बार यही कह रहीं कि दो माह पहले उन्होंने ‌जिस बेटे के सेना में भर्ती होने की खुशियां मनाई थी ‌आज वह हमें छोड़कर ही चला गया। बताया गया है कि रिक्रूट देवेन्द्र का आज गांव के पैतृक घाट में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम यात्रा में पूरा जन सैलाब उमड़ पड़ा, आज हर किसी की आँख नम थी।




पिछले वर्ष पिता के निधन के दुःख से उभरे नहीं की जवान बेटे की मौत की खबर आ गई : बता दें कि ‌मूल रूप से राज्य के नैनीताल के धारी ब्लॉक के ग्राम बबियाड़ निवासी देवेंद्र सिंह सम्मल दो‌ माह पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। इन दिनों उनका अल्मोड़ा जिले के रानीखेत स्थित कुमाऊं रेजिमेंट केन्द्र में प्रशिक्षण चल रहा था। शनिवार को तैराकी के प्रशिक्षण के दौरान देवेन्द्र की स्विमिंग पुल में डूबने से उसकी मौत हो गई थी। देवेन्द्र की असामयिक मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया था। बता दें कि एक साल पहले ही देवेन्द्र के पिता शिवराज सिंह की हार्ट‌अटैक से मौत हुई थी। देवेन्द्र के परिवार के लोग उसके पिता की मौत की घटना से अभी पूरी तरह उभर भी नहीं पाए थे कि शनिवार को हुए हादसे ने उन्हें दुबारा बुरी तरह तोड़ के रख दिया। हादसे की सूचना पर रानीखेत पहुचे देवेन्द्र के बड़े भाई ‌तारा सिंह सम्मल का तो देवेन्द्र के शव को देखकर बुरा ‌हाल हाल हो गया। छोटे भाई का शव देखकर बुरी तरह टूट चुके तारा को उसके साथ आए चाचा जीवन सिंह व संतोष सिंह ने बमुश्किल संभाला। बताया गया है तीन भाई और दो बहनों के परिवार में देवेन्द्र सबसे छोटा था। देवेन्द्र के बड़े भाई का कहना है कि देवेंद्र को सेना में जाने का शौक बचपन से ही था। दो माह पूर्व 25 मार्च को वह सेना में भर्ती हुआ। इसके लिए वह सुबह और शाम रोज कड़ी मेहनत कर रहा था। यहां तक कि उसने सेना में जाने के चक्कर में देवेंद्र ने बीएससी अंतिम वर्ष की परीक्षा तक नहीं दी, जबकि वह पढ़ाई में भी काफी होशियार था।




लेख शेयर करे

More in उत्तराखण्ड

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement Enter ad code here

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

To Top