उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के लिए गौरवान्वित क्षण, पुलवामा में 3 आतंकियों का खात्मा करने वाले मेजर विनोद कापड़ी (Major Vinod Kapri) को मिलेगा बहादुरी का सेना मेडल
जहां एक ओर राज्य (Uttarakhand) के वाशिंदों का सेना प्रेम जंग वाकिफ हैं वहीं बार्डर पर तैनात राज्य के वीर सपूतों की बहादुरी, साहस एवं वीरता की प्रशंसा भी अक्सर देश-विदेश के लोगों द्वारा की जाती रही है। आज एक बार फिर हम आपको राज्य के एक ऐसे ही वीर बहादुर सपूत से रूबरू करा रहे हैं जिनकी वीरता को अब देश की सेना के अधिकारियों ने भी काफी सराहा है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले मेजर विनोद कापड़ी (Major Vinod Kapri) की, जिन्हें पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन करने के लिए सेना मेडल (बहादुरी) से सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि आतंकवादियों से हुई इस मुठभेड़ में मेजर विनोद घायल भी हो गए थे परन्तु बावजूद इसके उन्होंने एक घर के अंदर छिप कर बैठे तीन आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। सबसे खास बात तो यह है कि विनोद एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनका परिवार तीन पीढ़ियों से मां भारती की सेवा कर रहा है। मेजर विनोद को सेना मेडल से नवाजे जाने की खबर से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि विनोद ने आतंकवादियों का खात्मा कर न केवल दुश्मनों से मां भारती की रक्षा की है बल्कि अपने अदम्य साहस के बलबूते सेना मेडल हासिल कर समूचे उत्तराखण्ड को भी गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है।
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वर्तमान में राजस्थान में तैनात हैं सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले मेजर विनोद, पिछले वर्ष पुलवामा में हुई आतंकवादियों से मुठभेड़ में किया था अदम्य साहस का प्रदर्शन:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के सिरड़ गांव निवासी विनोद कापड़ी भारतीय सेना में बतौर मेजर तैनात हैं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग 62 कैबेलरी सूरतगढ़ राजस्थान में है। बताया गया है कि इससे पहले वह 55 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे तथा उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में थी। इसी दौरान 29 अप्रैल 2020 को उन्हें क्षेत्र के एक गांव में तीन आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली। सूचना पर अमल करते हुए सेना ने आतंकवादियों का खात्मा करने के लिए मेजर विनोद के नेतृत्व में आपरेशन चलाया। जैसे ही आतंकवादियों को सेना के वहां पहुंचने की सूचना मिली तो उन्होंने सेना पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकवादियों की गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए मेजर विनोद के नेतृत्व में सेना के जवानों ने तीनों आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि इस दौरान आतंकवादियों की एक गोली विनोद का सीना चीरकर आरपार हो गई जबकि दूसरी गोली उनके कंधे में लग गई। जिससे विनोद गम्भीर रूप से घायल हो गए परंतु उन्होंने घायलावस्था में भी उन्होंने जिस तरह साहस का परिचय देते हुए सेना के जवानों का नेतृत्व किया वह सराहनीय था। मुठभेड़ खत्म होने के बाद मेजर विनोद को सेना के जवानों द्वारा सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां लम्बे उपचार के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
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