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कुछ महीनों बाद थी शादी लेकिन तिरंगे मे लिपटा पहुंचा घर, पहाड़ में देखते ही दौड़ी शोक की लहर

uttarakhand: पैतृक गांव पहुंचा शहीद अमित कुमार अणथ्वाल का पार्थिव शरीर, मुख्यमंत्री ने अर्पित की अंतिम श्रद्धांजलि…

आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को नाकामयाब कर देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान मां भारती के चरणों में अर्पित करने वाले राज्य के वीर सपूत अमित कुमार अणथ्वाल कि पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच गया है। इस दुखद घड़ी में राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खुद पौड़ी पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। उन्होंने शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में भी भारतीय सेना के जवान शौर्य और बलिदान का उत्कृष्ट उदाहरण देते हैं। हमें अपने जवानों के खोने का दुःख है लेकिन उनकी वीरता पर गर्व है। सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर दम खड़ी हैं। इस दौरान उनके साथ तीरथ सिंह रावत भी मौजूद थे। का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो पूरे गांव में मातम छा गया। शहीद अमित के परिजनों का तो रविवार रात से ही बुरा हाल है। अमित के माता-पिता तो इस खबर को सुनकर ही बार-बार बेसुध हो जा रहे थे। आज तो उन्हें संभाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। नाते-रिश्तेदार उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह बार-बार बेसुध हो जा रहे हैं। बताया गया है कि परिजनों के अंतिम दर्शन के बाद शहीद अमित का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ गांव के पैतृक घाट पर किया जाएगा।



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दो बहनों का था इकलौता भाई, अक्टूबर में सजना था सेहरा:-

गौरतलब है कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में उनकी फोर्स ने पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया। लेकिन इस दौरान सेना के पांच जवान भी शहीद हो गए थे। जिनमें राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के कल्जीखाल ब्लॉक स्थित ग्राम क्वाला निवासी अमित कुमार अणथ्वाल भी शामिल थे। बता दें कि अमित 2011 में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे तथा वर्तमान में वह 4-पैरा स्पेशल फोर्स कार्यरत थे। बताते चलें कि कुछ समय पूर्व ही अमित की सगाई हुई थी और आगामी 25 अक्टूबर को उनका विवाह तय था। लेकिन शायद नियति को कुछ और मंजूर था, जिस बेटे को सेहरे में देखने का इंतजार बूढ़े मां-बाप के साथ सभी नाते-रिश्तेदार कर रहे थे आज वह तिरंगे में लिपटा हुआ घर पहुंचा। बता दें कि अमित दो बहनों के इकलौते भाई थे। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। सबसे खास बात तो यह है कि अमित इससे पहले भी सेना के कई महत्वपूर्ण आपरेशन में अपना योगदान दे चुका थे, जिसमें उरी में की गई सर्जिकल स्ट्राइक भी एक थी।


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