Uttarakhand UCC online portal: 3 मिनट में होगा वसीयत का काम, अपना और गवाहों का वीडियो बनाकर अपलोड कर बना सकते हैं उत्तराधिकारी…..
Uttarakhand UCC online portal: उत्तराखंड में UCC लागू हो चुका है जिसके चलते अब वसीयत के नियमों में भी बदलाव किया गया है जिसके तहत अब वसीयत बनाने के लिए लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे इसके लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल शुरू की है जिसके चलते वसीयत बनाने की प्रक्रिया अब सिर्फ 3 मिनट में पूरी हो सकेगी इसके लिए व्यक्ति को अपनी वसीयत का वीडियो और गवाहों को अपनी वसीयत का वीडियो बनाकर ऑनलाइन अपलोड करना होगा। इस प्रक्रिया के बाद उसे उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता मिल जाएगी। यह कदम नागरिकों को सरल और त्वरित सेवा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
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uttarakhand UCC act rules बता दें प्रदेश में समान नागरिक संहिता के लागू होते ही अब वसीयत की प्रक्रिया भी आसान हो चुकी है जिसके तहत UCC की धारा 49 व 60 के अनुसार अपनी संपत्ति का विवरण देने समेत अपने विधिक उत्तराधिकारी की घोषणा करनी होगी जिसके लिए अपनी वसीयत दूसरे के नाम करने वाले व्यक्ति को तीन मिनट के वीडियो में पढ़ कर बोलना होगा जिसमें दो गवाह भी बोलेंगे। इसके बाद इस वीडियो को UCC के पोर्टल पर अपलोड करना होगा तथा पोर्टल पर फॉर्म भरकर हस्तलिखित व टाइप हुई वसीयत को भी अपलोड किया जा सकता है। लेकिन इसमें 18 वर्ष से अधिक आयु और मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही अपने उत्तराधिकारी की सूची घोषित कर सकता है जिसके बाद इसे सब रजिस्टार सिर्फ यह प्रमाणित करता है कि इस व्यक्ति ने इन लोगों को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है यदि इसमें अधिकारी कोई अतिरिक्त जानकारी मांगते हैं तो 5 दिन के भीतर जवाब देना होगा । जबकि पता या अन्य विवरण बदलने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा इसके अलावा वसीयत को स्वयं सत्यापित करना होगा जो अधिकृत एजेंसी के माध्यम से करवाया जा सकता है। बताते चले वीडियो रिकॉर्डिंग से पहले भी आधार नंबर से लॉगइन करना होगा।
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वसीयत करने वाले उत्तराधिकारी व कार्यकारी के अधिकार:- uttarakhand UCC online rules
वसीयत करने वाला- वसीयत बनाना, बदलना, रद्द करना, पुनर्जीवित करना, अंकित वसीयत घोषित करना। वहीं कार्यकारी व उत्तरकाधिकारी- वसीयत करने वाले की मृत्यु होने के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र देकर वसीयत रजिस्टर करना और वसीयत की प्रति ले सकता है । इसके अलावा आवेदक की मृत्यु होने पर यदि कोई व्यक्ति वसीयत का आवेदन करता है और फैसला होने से पहले मृत्यु हो जाती है तो यह पंजीकृत वसीयत मानी जाएगी यदि जांच सही हो। इसके अलावा सब रजिस्टार की अस्वीकृति होने पर 30 दिन में रजिस्ट्रार या जनरल रजिस्ट्रार के पास ऑनलाइन अपील कर सकता है।
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० पंजीकरण के आंकड़े सभी को उपलब्ध होंगे। वहीं निजी विवरण केवल सहमति से ही साझा हो सकेगा।
० पहली बार झूठी शिकायत पर चेतावनी, दूसरी व तीसरी बार में जुर्माना लगेगा।
० जुर्माने की वसूली 45 दिन में भुगतान अनिवार्य होगा, भूमि राजस्व से वसूली भी होगी।
० ऑनलाइन शिकायत का 45 दिन में निष्कर्ष निकलेगा। वहीं प्रमाणित कॉपी के लिए ऑनलाइन आवेदन, तय फीस, सीमित सूचना के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त अर्जी की जरूरत होगी।
०लिव इन प्रमाणपत्र होने पर मकान मालिक शादी नहीं हुई कहकर इन्कार नहीं कर सकता।
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