Uttarakhand: महीनों से आपूर्ति विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं कई राशन कार्ड (Ration Card) धारक, अब नहीं मिलेगा सस्ता राशन..
सरकार जहाँ गरीब वर्ग के लोगों को सस्ता और मुफ्त राशन देने की बात करती है, वही उत्तराखण्ड में गरीब लोग सस्ते गल्ले की दुकानों से मिलने वाले राशन को लेने के लिए रोज आपूर्ति विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। राज्य के गरीब लोगो के लिए राशन कार्ड बहुत ही उपयोगी है । प्रत्येक परिवार की आय और स्तिथि के अनुसार राशन कार्ड प्रदान किए जाते है । राशन कार्ड के संबंध में जरूरी मानक तय करने के बाद भी कोई चार तो कोई छह महीने से कार्ड बनने का इंतजार कर रहे है। बुजुर्ग से लेकर दिव्यांग तक आपूर्ति विभाग के चक्कर काट रहे हैं। कोई आधार की कापी लेकर आता है तो कोई पुराना राशन कार्ड लेकिन डीएसओ कार्यालय से एक ही जवाब मिल रहा है कि केन्द्र से ही तय संख्या में राशन कार्ड बनाने का अलाटमेंट होता है। ऐसे मे गरीबो की सुध लेने वाला कोई नही है। यह भी पढ़ें- फटी जीन्स के बाद CM तीरथ का एक और विवादित बयान, ’20 बच्चे पैदा करते तो राशन ज्यादा मिलता’
विडंबना यह है कि एक ओर सरकार गरीबों के लिए सस्ते राशन की तमाम योजनाएं चला रही है, वहीं गरीबों योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। बता दें कि अब उन लोगों को मुफ्त राशन नहीं मिल सकेगा जिनके राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है। वैसे अगर समय रहते अगर राशन कार्डों के सत्यापन के लिए आधार कार्ड लिंक करने समेत जरूरी पात्रता को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जानकारी दी जाती तो कई लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। दरअसल, वर्ष अप्रैल 2020 तक आधार कार्ड को राशन कार्डों से लिंक करने का कार्य किया जाना था। आधार कार्ड वैरीफाई होने के बाद ही राशन कार्ड ऑनलाइन होने थे। पूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से लगातार कार्डधारकों को इसके संबंध में जानकारी दी गई। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कार्डधारकों ने आवश्यक मानक पूरे नहीं किए। जिसके कारण उनके राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए।