uttarakhand: मूल रूप से असम का रहने वाला था युवक, लक्सर पुलिस ने सहारनपुर बार्डर से पकड़ा..
जिस बात का डर था वहीं हो रहा है निजामुद्दीन मरकज में छुपे हुए मानव बमों ने जहां एक ओर लाॅकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए देश के नागरिकों को बचाने के लिए किए गए सरकारों के सभी प्रयासों पर पानी फेर दिया वहीं अब यह कोरोना बम देश के विभिन्न राज्यों में भी अपना कहर बरपाने लगे हैं। देवभूमि में भी इसकी शुरुआत कुम्भ नगरी हरिद्वार से हुई है जहां अस्पताल में आईसोलेट करने के लिए लाया जा रहा दिल्ली जमात में शामिल एक युवक एम्बुलेंस से उतर कर भाग गया। इतना ही नहीं एम्बुलेंस से भागने के बाद उसने भागते समय जमीन पर कई जगह थूका भी। यह सर्वविदित है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के थूकने से भी फैल सकता है।
यह भी पढ़ें:- निजामुद्दीन जमात में उत्तराखण्ड से 34 लोग हुए थे शामिल, कुमाऊं से 13 तो गढ़वाल मंडल से 3
आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने पकड़कर कराया आइसोलेट:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के हरिद्वार जिले के मेला अस्पताल में आइसोलेट करने के लिए ले जाया जा रहा दिल्ली जमात में शामिल एक युवक पुलिस को चकमा देकर एम्बुलेंस से भाग खड़ा हुआ। भागते-2 उसने कई जगहों पर रूक भी दिया। बताया गया है कि उक्त युवक असम का रहने वाला है जिसे लक्सर पुलिस की टीम ने सुल्तानपुर से पकड़ा था। वो तो गनीमत रही कि हरिद्वार पुलिस ने करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़कर मेला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया अन्यथा परिणाम काफी गंभीर हो सकते थे, जिससे बचा पाना शासन-प्रशासन के लिए भी नामुमकिन होता। युवक को आइसोलेट करने के बाद उन सभी जगहों को सैनेटाइज किया गया जहां पर युवक के थूकने जाने की सम्भावना थी। इससे हम इस बात का भी अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले दिनों में देवभूमि उत्तराखंड का सामना कितनी बड़ी चुनौती से होने वाला है।