Pithoragarh cloud burst: युद्ध स्तर पर चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन, डीएम, एसपी समेत विधायक भी आपदा प्रभावित क्षेत्र में मौजूद..
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का कहर हमेशा से दुखदायी रहा है, कभी बाढ़ तो कभी भूकंप, कभी भूस्खलन तो कभी बादल फटना ऐसी ही एक प्राकृतिक आपदा से इन दिनों पिथौरागढ़ जिले का बंगापानी तहसील का टांगा और गैला गांव जूझ रहे हैं हालात यह है कि जो गांव कभी सुर्खियों में नहीं रहा आज वह गांव अपने आप में श्मसान में तब्दील हो चुका है। वाकई जिन लोगों ने अपनी आंखों से इस भयावह तबाही के मंजर को देखा है उन्हें हर पल डर की आहट सता रही है। (Pithoragarh cloud burst) पहाड़ी से तेज पानी के उफान के साथ हुए भूस्खलन के कारण कई घर जमींदोज हो गए। जहां गैला गांव में दंपती और बेटी की मौत हो गई। वहीं टांगा मुनियाल गांव में 11 लोग लापता थे। बता दें कि टांगा गांव बंगापानी तहसील से सात किलोमीटर दूर है जबकि गैला गांव की दूरी तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर है। बात 19 जुलाई की है जब इस इलाके में री बा फट गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि भारी बारिश से चट्टानें कमजोर पड़ गई और उनमें दरारें आने के बाद पूरी की पूरी पहाड़ी ही गांव की ओर मलबे के रूप में आ गई। पहाड़ी से हुए भूस्खलन में बहुत सारे घर जमींदोज हो गए।
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मलबे के ढेर से मिले पिता-पुत्र एवं बहू समेत 9 लोगों के शव, 2 अभी भी लापता:- बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील के आपदा प्रभावित गैला एवं टांगा गांवों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। पुलिस, प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमों के साथ खुद जिले के मुखिया डाक्टर विजय कुमार जोगदण्डे भी आपदा प्रभावित क्षेत्र में मौजूद हैं। उन्होंने बचाव एवं राहत दल से युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए हैं। बीते मंगलवार को पिता पुत्र और बहू समेत चार और लोगों के शव मलबे से बरामद हुए ,मलबे से दबे अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं। जिनकी पहचान माधव सिंह, गणेश सिंह, हीरा देवी, रोशन कुमार, तुलसी देवी, दिव्यांशु, लतिका, पदमा देवी व कुसुमा देवी के के रूप में हुई। इसके बाद भी अभी दो शवों की खोज जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिलाधिकारी के अलावा डीडीहाट एवं मुनस्यारी क्षेत्र के दोनों विधायक विशन सिंह चुफाल, हरीश धामी, एवं पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी भी मौजूद रहे। बताया गया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन देर शाम अंधेरा होने तक जारी रहा। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य आगे भी जारी रहेगा। इसके साथ ही आपदा प्रभावित ग्रामीणों के लिए आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई क्षेत्र में शुरू कर दी गई है। प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए भी प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है।
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