सोमवार की अपेक्षा आज राज्य की जनता ने मंगलवार को लाॅक डाउन का सही तरीके से पालन किया। जहां सुबह 7 से दस बजे तक बाजारों में काफी भीड़ दिखाई दी और लोग सरकार के निर्देशों का बिल्कुल भी पालन करते नजर नहीं आए। वहीं जैसे ही दस बजे उत्तराखण्ड पुलिस ने सड़कों पर उतरकर मोर्चा संभाल लिया। दस बजते ही राज्य की अधिकांश जनता भी अपने-2 घरों में लाॅकडाउन हो गई। रहे-सहे शरारती तत्वों को विभिन्न जिलों की पुलिस ने अपने-2 तरीके से सबक सिखाया। बेशक आज पुलिस ने लाॅकडाउन में सख्ती दिखाई हो परन्तु जागरूक समाज आज इसके लिए पुलिस को धन्यवाद दे रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोगों द्वारा पुलिस के प्रयासों की जमकर सराहना की जा रही है। इन शरारती तत्वों में वे लोग शामिल हैं जो कई बार समझाने के बाद भी लॉकडाउन के दौरान कभी पैदल तो कभी गाड़ियों से लगातार सड़कों पर निकल रहें थे।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड : कोरोना के चलते लॉकडाउन के उल्लघंन में 191 लोग गिरफ्तार,आप भी रहे सावधान
कहीं भांजी लाठियां तो कहीं कराई उठक-बैठक और कहीं खींची पोस्टर के साथ फोटो:- राज्य के विभिन्न हिस्सों में बेवजह रोड पर घूम रहे लोगों को घर पर भेजने के लिए पुलिस द्वारा अलग-2 अलग उपाय किए गए। ऋषिकेश में बेवजह रोड पर घूमते हुए लोगों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई जिसके कारण कुछ लोगों ने पुलिस के साथ झड़प भी की। लेकिन पुलिस के आगे लोगों की एक नहीं चली। यहां लोगों को सड़कों से भगाने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी। रूद्रपुर एवं हल्द्वानी से भी पुलिस कर्मियों द्वारा बल प्रयोग करने के समाचार मिले हैं। हल्द्वानी में पुलिस ने बल प्रयोग करने के साथ-साथ बेवजह घूम रहे युवकों को उठक-बैठक भी कराई। बेवजह बाहर घूम रहे लोगों के साथ चमोली पुलिस नरमी से पेश आई। चमोली पुलिस ने सबसे अनोखा उपाय अपनाते हुए लोगों के हाथ पर एक पोस्टर देकर उनका फोटो खिंचा जिस पर लिखा था कि “मै समाज का दुश्मन हूं, मुझे घर पर नहीं रहना है, सड़क पर घूमना है, कोरोना वायरस को फैलाना है।” खटीमा में भी बिना जरूरी काम के वाहन से घूमने वालों को ऐसा ही पोस्टर थमाया गया। कोटद्वार में भी सड़कों पर बेवजह घूम रहे लोगों की फोटो पुलिस कर्मियों ने मैं समाज का दुश्मन हूं पोस्टर के साथ खींची। पिथौरागढ़ में एडीएम ने युवकों को उठक-बैठक कराई।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: एक और व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि, बढ़कर चार पहुंची पोजिटिव मरीजों की संख्या