Prachi bisht Chandrayan-3: प्राची ने कुछ इस तरह किया अपनी खुशी का इजहार, पिता को फोन कर बोली “”पापा हमने कर दिखाया, इसरो फैमिली कामयाब रही”…..
चन्द्रयान 3 की अभूतपूर्व सफलता के साथ ही समूचे विश्व में एक बार फिर भारत के वैज्ञानिकों ने अपनी काबिलियत का डंका बजाकर देश का नाम रोशन किया है। देश की इस अभूतपूर्व उपलब्धि में उत्तराखण्ड के अनेक वाशिंदों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। जी हां… राज्य के कई युवा इस मिशन को अंजाम देने वाली टीम का हिस्सा थे। इन होनहार युवाओं की टीम में हल्द्वानी की स्पेस साइंटिस्ट प्राची बिष्ट भी शामिल हैं। बता दें कि बचपन से ही बतौर वैज्ञानिक आसमां छूने का ख्वाब देखने वाली प्राची की कंट्रोल यूनिट ने देश के इस अद्भुत मिशन में न केवल अपनी अहम भूमिका निभाई बल्कि चन्द्रयान 3 को चांद की सतह पर सुरक्षित उतारकर समूचे विश्व से भारत की काबिलियत का लोहा भी मनवाया। इस मिशन में प्राची की टीम को डेटा कलेक्शन के साथ ही कमांड (कंट्रोलिंग) की जिम्मेदारी दी गई है जिसे उनकी पूरी टीम ने बखूबी निभाया।
(Prachi bisht Chandrayan-3)
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आपको बता दें कि मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के गौलापार स्थित चोरगलिया क्षेत्र के गोविंदपुर निवासी प्राची बिष्ट ने बतौर वैज्ञानिक 2019 में इसरो में अपनी ज्वाइनिंग दी। एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्राची के पिता खड़क सिंह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त है जबकि उनकी मां तुलसी बिष्ट एक कुशल गृहिणी हैं। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा केरल से प्राप्त की है। तदोपरांत उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा हल्द्वानी के सेंट थेरेसा स्कूल से उत्तीर्ण की। जिसके पश्चात उन्होंने जेईई की परीक्षा उत्तीर्ण की और उनका चयन तिरुवंतपुरम के आईआईएसटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी) में हो गया।
(Prachi bisht Chandrayan-3)
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इंजीनियरिंग के उपरांत उन्होंने सितम्बर 2019 में बतौर वैज्ञानिक इसरो के बंगलुरु केन्द्र पर अपनी ज्वाइनिंग दी। जिसके बाद से ही वह लगातार चन्द्रयान मिशन पर काम करती रही। चन्द्रयान 2 की असफलता से देश के अन्य वैज्ञानिकों के साथ वह भी थोड़ा मायूस हुई परंतु अपने इसरो परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही उन्होंने हार नहीं मानी और चन्द्रयान 3 मिशन को सफलता तक पहुंचाने वाली टीम का हिस्सा बनी। चन्द्रयान 3 की सफलता के बाद बीते बुधवार को उन्होंने अपने पिता से कुछ इस तरह अपनी खुशी का इजहार किया -“पापा हमने कर दिखाया, इसरो फैमिली कामयाब रही”। प्राची के ये चंद शब्द वैज्ञानिकों को अथक प्रयासों के बाद मिली इस अभूतपूर्व सफलता के मायने बयां करने के लिए काफी थे।
(Prachi bisht Chandrayan-3)