UK Board 12th Result : चमोली जिले के सबसे दूरस्थ गांव ईराणी के रहने वाले प्रवेंद्र ने टॉप 25 की सूची मे 19 वा स्थान हासिल कर बनाई अपनी जगह
UK Board 12th Result: दूरस्थ गांव में रहकर जिस छात्र ने पढ़ाई की और इतना ही नहीं पढ़ाई के साथ उन्होंने गांव में बकरी भी चराई खेत मे हल लगाया….. लेकिन जब परीक्षा परिणाम आया तो उस ही छात्र ने टॉप 25 की सूची में अपना 19 वा स्थान पाकर पूरे प्रदेश मे अपने माता- पिता का मान बढ़ाया। एक और जहां उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रों के लोग अच्छी शिक्षा व्यवस्था का हवाला देकर शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं वहीं कुछ बच्चे पहाड़ों में रहकर भी घर के कामकाज के साथ पढ़ाई में भी अव्वल आ रहे हैं और उच्च मुकाम हासिल कर रहे है। जी हाँ आपको जानकारी देते चले कि बीते मंगलवार को उत्तराखंड बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित हो चुका है जिसमे पहाड़ के बच्चों ने एक बार फिर से अपना परचम लहरा चुका है ठीक ऐसे ही उत्तराखंड के चमोली जनपद के गोपेश्वर के सबसे दूरस्थ गांव ईराणी के रहने वाले एक छात्र प्रवेंद्र सिंह भी है जिन्होंने पूरे प्रदेश मे टॉप 25 की सूची में 19 वा स्थान हासिल कर अपनी जगह बनाई है। आपको बता दें प्रवेंद्र सिंह पढ़ाई के साथ – साथ घर के कामों में भी अपने माता-पिता का पूर्ण सहयोग किया करते हैं इतना ही नही वह बकरी चराई, खेत में हल लगाने भी जाया करते है। उनका गांव इतना दूरस्थ है कि उन्हें अपने परीक्षा परिणाम घोषित होने का पता काफी देरी मे चल सका और जब उन्हें अपना नाम मेरिट लिस्ट में होने की जानकारी प्राप्त हुई तो तब भी वह उस वक्त अपने खेत मे गुड़ाई का काम कर रहे थे।
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प्रवेंद्र सिंह दूरस्थ क्षेत्र उस ईराणी गांव मे रहते जहां आज भी तकरीबन 10 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है लेकिन फिर भी इस होनहार छात्र ने आज पूरे प्रदेश में 500 में से 464 अंक प्राप्त कर 19वां स्थान हासिल किया है। आपको बता दें प्रवेंद्र सिंह ने अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा राजकीय इंटर कॉलेज पाणा ईराणी से ही दी थी। इतना ही नहीं प्रवेंद्र सिंह के पिता देवेंद्र सिंह बकरी पालन का काम किया करते है और माता हेमा गृहणी है जो अक्सर बीमार रहती है जिसके चलते प्रवेंद्र सिंह घर के कामों में भी अपने माता-पिता का हाथ बढ़ाया करते हैं। प्रवेंद्र सिंह ने उत्तराखंड बोर्ड मे उच्च स्थान हासिल कर यह बात साबित कर दी है कि आज भी पहाड़ का हुनर हमेशा की तरह काबिल है भले ही पहाड़ी क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को बहुत सारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता हो लेकिन फिर भी वह अपने मुकाम को हासिल करने लिए सदैव तत्पर है और इतना ही नही जीतने भी छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड बोर्ड में अच्छी रैंक हासिल करी है वह सभी लगभग पहाड़ी क्षेत्र से या दूरस्थ गांव से ही है।