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Uttarakhand news: pregnant women delivery on the way in chamoli during taken to hospital in stretcher. Uttarakhand pregnant women news.

उत्तराखण्ड

चमोली

उत्तराखंड: गर्भवती महिला को स्ट्रेचर में ले जा रहे थे अस्पताल, रास्ते में दिया बच्चे को जन्म

Uttarakhand: अलग राज्य बनने के बाद भी कम नहीं हुई पहाड़ की समस्याएं, सड़क ना होने से स्ट्रेचर पर अस्पताल जा रही गर्भवती महिला (Pregnant women) ने आधे रास्ते में दिया नवजात शिशु को जन्म..

उत्तराखण्ड (Uttarakhand) को अलग राज्य बने बीस वर्ष हो गए हैं परन्तु पहाड़ पर आज भी स्वास्थ्य, सड़क आदि की दुश्वारियां जस की तस बनी हुई है। जिस कारण ग्रामीणों को क‌ई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसकी दुखद तस्वीरें आए दिन हमें मिलती रहती है। आज फिर राज्य के चमोली जिले से ऐसी ही दुखद तस्वीर सामने आ रही है जहां स्वास्थ्य और सड़क सुविधा न होने से स्ट्रेचर पर अस्पताल जा रही तिरोसी गांव की एक गर्भवती महिला (Pregnant women) ने रास्ते में ही नवजात शिशु को जन्म दे दिया। फिलहाल जच्चा बच्चा की हालत सामान्य बताई गई है परन्तु ऐसी परिस्थितियों में क‌ई बार विपरीत परिणाम भी सामने आते हैं और जच्चा-बच्चा को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने सरकार से ‌गांव के लिए सड़क का निर्माण करने और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की मांग की है।
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जच्चा-बच्चा के स्वस्थ्य होने पर महिला को पुनः घर ले आए ग्रामीण:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के क‌ई गांवों में अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। जिस कारण ग्रामीणों को आवश्यक सुविधाएं जैसे अस्पताल, सरकारी कार्य तथा बाजार तक जाने आदि के लिए क‌ई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। सड़क सुविधाओं से वंचित ऐसा ही एक गांव है तिरोसी, जो सड़क मार्ग से दस किलोमीटर दूर है। बताया गया है कि बीते शनिवार को इस गांव में रहने वाली बिंदु देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। गांव में किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण ग्रामीण बिंदु को सीएचसी जोशीमठ ले जाने की व्यवस्थाएं करने लगे। जिसके लिए सबसे ग्रामीणों ने लकड़ी का स्ट्रेचर बनाया और उस पर लिटाकर पैदल ही महिला को कंधे पर रखकर दस किलोमीटर दूर सड़क मार्ग का सफर शुरू किया। अभी उन्होंने गांव से केवल सात किमी की दूरी ही तय की थी कि अचानक बिंदु की प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी। जिस पर ग्रामीणों के साथ चल रही महिलाओं ने उसको देखने के पश्चात रास्ते में ही प्रसव करवाने का निर्णय लिया। इस तरह बिंदु ने अरोसी पुल के पास एक नवजात शिशु को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा के स्वस्थ्य होने पर ग्रामीण बिंदु को अस्पताल ले जा रहे ग्रामीण उसे घर ले आए।

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