Haldwani news Hindi : ठेकेदार से 8500 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पीडब्ल्यूडी के जेई को 5 साल की सजा, एक लाख रुपये का भरना होगा अर्थदण्ड……
Haldwani news Hindi: उत्तराखंड लगातार रिश्वतखोरों का अड्डा बनता जा रहा है जिसके चलते आए दिन भ्रष्टाचार की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। इतना ही नहीं बल्कि उच्च पदों पर आसीन अधिकारी ही अधिकतर रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों दबोचे जा रहे हैं दरअसल अभी तक कई सारे अधिकारियों को रिश्वत लेने के आरोप मे पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है लेकिन तब भी घूसखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर से सामने आया है जहां पर पीडब्ल्यूडी के अपर सहायक अभियंता का कार्य देख रहे अवर अभियंता ने ठेकेदार का मैनेजमेंट बिल बनाने के लिए 8500 रुपये की घूस ली है जिसे पुलिस में रंगे हाथों दबोचा है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के फतेहपुर क्षेत्र के रामडी छोटी गांव के निवासी धीरेंद्र सिंह पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार पद पर तैनात थे जिन्होंने वर्ष 2017 में पिथौरागढ़ क्षेत्र में इलेक्ट्रिक व मैकेनिकल का कार्य तय समय से पहले ही पूरा कर लिया था और इसके बाद उन्होंने कार्य के भुगतान के लिए फाइल पेश की थी। जिस पर पिथौरागढ़ के पीडब्ल्यूडी के अपर सहायक अभियंता ( विद्युत व यांत्रिकी) का कार्य देख रहे अवर अभियंता अमित गिरी ने उनसे एमबी बनाने के बदले 8500 रुपए की मांग की जिस पर धीरेंद्र ने इसकी शिकायत 5 फरवरी 2018 को भ्रष्टाचार निवारण विभाग में की तथा 9 फरवरी को उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान के नैनीताल सेक्टर की टीम ने अमित गिरी को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों दबोचा ।
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इतना ही नहीं बल्कि इस मामले की विवेचना अरुण कुमार ने की जबकि पैरवी अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने की जिस पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अमित गिरी को दोषी पाया गया। जिसके तहत अमित गिरी को भ्रष्टाचार की दोनों धाराओं में दोषी पाते हुए पांच पांच साल का कठोरतम कारावास तथा एक – एक लाख रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण संगठन एवं एडीजे प्रथम नीलम रात्रा ने भी जेई पर 7 साल पुराने इस मामले पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
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