Rahul Bahuguna OTA Gaya: सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले राहुल बहुगुणा ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से पास आउट होकर बने सेना में अफसर, सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाकर अपनी दादी का सपना किया पूरा…….
Rahul Bahuguna OTA Gaya: उत्तराखंड के हर युवा का सपना होता है भारतीय सेना में अफसर बनने का, जिसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत और लगन के साथ खूब परिश्रम करना पड़ता है लेकिन इसके साथ ही प्रदेश में ऐसे बहुत सारे परिवार भी मौजूद है जिनकी भारतीय सेना मे शामिल होने की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है। उन्हीं मे से एक होनहार युवा पौड़ी गढ़वाल के राहुल बहुगुणा भी है जो ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से पास आउट होकर भारतीय सेना में अधिकारी बने हैं और अपने परदादा से लेकर चली आ रही सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
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Rahul Bahuguna pauri garhwal
बता दें राहुल बहुगुणा मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर क्षेत्र बिलकेदार के निवासी हैं और वर्तमान में देहरादून के इंदिरा नगर कॉलोनी में रहते हैं। राहुल बहुगुणा एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं उनके पिता अजय बहुगुणा एक सूबेदार है जो नॉर्थ ईस्ट में कार्यरत है जबकि उनके चाचा संजय बहुगुणा भी असम राइफल्स में कार्यरत है। वहीं राहुल के दादा सच्चिदानंद बहुगुणा बीएसएफ में थे जबकि उनके परदादा मगनानंद बहुगुणा भी भारतीय सेना में थे। राहुल बहुगुणा बिहार के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी गया से चार साल के कठिन प्रशिक्षण के बाद पास आउट होकर भारतीय सेना में अधिकारी बने हैं। परेड के दौरान राहुल की मां मीनाक्षी बहुगुणा और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी परेड में सम्मिलित होने बिहार के गया पहुँचे थे।
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बता दें कि इस सैन्य परंपरा को कायम रखना उनकी दादी लक्ष्मी देवी बहुगुणा का सपना था जिसको उनके पोते राहुल बहुगुणा ने पूरा कर दिखाया है। राहुल के परिजनों ने उनके कंधों पर सितारे लगाकर इस पल को और भी ज्यादा यादगार बनाया। दरअसल राहुल ने अपनी हाई स्कूल तक की शिक्षा देवभूमि पब्लिक स्कूल नकोट बिलकेदार से प्राप्त की है इसके पश्चात उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा द एशियन स्कूल देहरादून से उत्तीर्ण की है। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने टीईएस परीक्षा तकनीकी प्रवेश योजना पास की और ट्रेनिंग के गया लिए चले गए थे। राहुल का कहना है कि उनके मार्गदर्शक के रूप में उनके चाचा शोभित बहुगुणा और मामा जेपी उपाध्याय का बड़ा योगदान रहा है। उनकी इस विशेष उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है वही उनके पैतृक गांव में भी बेहद खुशी का माहौल बना हुआ है।