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चम्पावत

उत्तराखण्ड: पहाड़ में दर्दनाक सड़क हादसा खाई में गिरा वाहन, आर्मी के जवानों ने किया रेस्क्यू

उत्तराखण्ड (uttarakhand) घायलों के लिए आर्मी के जवान और चिकित्सक ऐन मौके पर फरिश्ता बनकर आए…
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राज्य में दर्दनाक सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब तो शायद ही ऐसा कोई दिन जाता हों जिस दिन दर्दनाक सड़क हादसे की खबर मन व्यथित ना कर दे। ऐसी ही एक सड़क दुर्घटना राज्य uttarakhand) के चम्पावत जिले से सामने आ रही है जहां आल वेदर रोड का काम करा रही आरजीबी कंपनी में लगा एक डंपर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में समां गया। जिससे डंफर चालक और क्लीनर गम्भीर रूप से घायल हो गए। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि हादसे के वक्त भारतीय सेना की एक एम्बुलेंस उसी मार्ग से गुजर रही थी। एम्बुलेंस में बैठे जवानों ने जैसे ही डंफर को खाई की ओर लुढ़कते देखा तो तुरंत गाड़ी रोककर मदद को आगे आए और दोनों घायलों को खाई से निकाला। गनीमत रही कि उस समय राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रही एक रोडवेज की बस में एक चिकित्सक भी सवार थे अन्यथा जनधन की हानि भी हो सकती थी । चिकित्सकों ने बस से उतरकर एम्बुलेंस में उपस्थित फर्स्ट एड से दोनों का प्राथमिक उपचार किया। जिसके बाद दोनों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां दोनों की हालत अब खतरे से बाहर बताई गई है। दुर्घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि अगर जवानों और चिकित्सक ने घायलों का तत्काल उपचार नहीं किया होता तो उनका सही-सलामत बच पाना मुश्किल था।


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घायलों के लिए भगवान का दूत बनकर आए सेना के जवान और डाक्टर:- प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य(uttarakhand) के चम्पावत जिले के चल्थी से दो किमी आगे सिन्याड़ी के पास सामने से आ रहे एक वाहन को बचाने के चक्कर में एक डम्फर वाहन संख्या यूके-03-सीए-1238 गहरी खाई में समां गया। बताया गया है कि डम्फर आल वेदर रोड का निर्माण कार्य करा रही आरजीबी कंपनी में लगा था। हादसे में चल्थी निवासी डंफर चालक दीपक पुत्र ध्यान सिंह व क्लीनर भरत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। गनीमत रही कि उसी समय आर्मी के जवानों की एक एम्बुलेंस दुर्घटनास्थल से गुजर रही थी जैसे ही उन्होंने डंफर को खाई में पड़ा देखा तो एम्बुलेंस के पहिए वहीं थम गए। जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दोनों घायलों को खाई से बाहर निकाला। इससे भी बड़ी बात तो यह रही कि उसी समय मार्ग से गुजर रही पिथौरागढ़ डिपो एक बस में जिला अस्पताल में तैनात डॉ. शोभित तिवारी भी सफर कर रहे थे। बस झूलाघाट से दिल्ली जा रही थी। डाक्टर साहब ने तुरंत बस को रूकवाकर बीच सड़क में दोनों घायलों का प्राथमिक उपचार किया। बताया गया है कि यदि घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार ना मिला होता तो उनकी जीवित रहने की संभावना काफी कम होती। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायलों को टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।


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