Uttarakhand School Sanskrit compulsory: प्राथमिक स्तर पर कक्षा तीन से पांच तक सात विषय हुए अनिवार्य, कक्षा 3 से ही पढ़ाई जाएगी संस्कृत, प्रस्ताव पर सरकार की मुहर लगना बाकी…..
Uttarakhand School Sanskrit compulsory Subject: उत्तराखंड शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 3 से 12वीं तक का नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है जिसे सरकार की मंजूरी मिलना अभी बाकी है। दरअसल इस पाठ्यक्रम में प्राथमिक स्तर पर कक्षा तीन से पांच तक सात विषय अनिवार्य किए गए हैं जिसके चलते बच्चों के बस्ते का भार अधिक बढ़ने वाला है। इसके अलावा कक्षा तीन से ही संस्कृत पढ़ाई जाएगी जो राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इस नए पाठ्यक्रम में खास तौर पर बच्चों को बहु आयामी शिक्षा देने का उद्देश्य रखा गया है जिससे उनका समग्र विकास हो सकेगा।
बता दें प्रदेश के प्राथमिक स्तर पर अब सभी छात्र-छात्राएं पांच के स्थान पर सात विषयों की पढ़ाई करेंगे जिसके लिए विद्यालयी शिक्षा की ओर से राज्य पाठ्यचार्य का बीते शनिवार को स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदन कर दिया गया है जिसे अंतिम अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा। दरअसल अनुमोदित ड्राफ्ट में प्राथमिक स्तर पर तीसरी से पांचवी कक्षा तक सात विषय पढ़ाये जाएंगे जिसमे हिंदी अंग्रेजी संस्कृत गणित हमारे चारों ओर का संसार कला शिक्षा और शारीरिक शिक्षा को शामिल किया गया है। ठीक इसी प्रकार से कक्षा 6 से 8 तक नौ विषय पढ़ाए जाएंगे जिसमे हिंदी अंग्रेजी संस्कृत गणित विज्ञान सामाजिक विज्ञान कला शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य और व्यावसायिक शिक्षा शामिल है।
गणित हुआ अनिवार्य विषय:(Math compulsory subject Uttarakhand school education)
स्कूल शिक्षा के तहत 9 वीं व दसवीं में गणित विषय को अनिवार्य रूप से रखा गया है लेकिन इसका मूल्यांकन सामान्य और उच्च स्तर पर किया जाएगा। जो छात्र गणित का सामान्य अध्ययन करना चाहते हैं उनका मूल्यांकन सामान्य स्तर पर किया जाएगा ताकि गणित में कम रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को गणित का बोझ अधिक न लगे। इसके अलावा नौवीं व 10वीं कक्षा में 10 विषय हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य, अंतर विषयक क्षेत्र की शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा शामिल किए गए हैं। जबकि 11वीं व 12वीं कक्षा में उत्तराखंड बोर्ड की ओर से वर्तमान में संचालित सभी विषयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप नए विषय समूह के अनुरूप अध्ययन का विकल्प यथावत रखा गया है ।
व्यवसायिक शिक्षा पर दिया जा रहा जोर: (Vocational education Uttarakhand school)
इतना ही नहीं बल्कि स्थानीय व्यवसाययों की संभावना को देखते हुए पाठ्यक्रम में मशरूम उत्पादन डेरी, कुकुट पालन, हेरिटेज टूर गाइड, ब्यूटी थेरेपिस्ट, मृदा एवं जल परीक्षण प्रयोगशाला सहायक, बागवानी, फूलों की खेती, भेड़-बकरी पालन, बेकरी आदि को शामिल किया गया है । हालांकि तय प्रक्रिया के अनुसार अभी राज्य सरकार से विभिन्न कक्षाओं के लिए तैयार पाठ्यक्रमों की अंतिम सहमति मिलना बाकी है। जिसके आधार पर ही तय किया जा सकेगा कि कौन से अनिवार्य विषय पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे। बताते चलें विभिन्न कक्षाओं के लिए इन पाठ्यक्रमों का चयन छात्रों के सर्वांगीण विकास को देखते हुए किया गया है जिस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है।
सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।