Shalini maurya deputy collector : ट्यूशन पढ़कर पुरी की पढ़ाई आज उत्तराखंड में है डिप्टी कलेक्टर, मूल रूप से ऋषिकेश की निवासी शालिनी मौर्य वर्तमान मे संभाल रही पौड़ी जिले के लैंसडाउन में तहसीलदार का पद…..
Shalini maurya deputy collector: उत्तराखंड की होनहार बेटियों की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। यहां की बेटियों ने प्रत्येक क्षेत्र में संघर्ष और अपनी मेहनत के बदौलत एक श्रेष्ठ मुकाम हासिल कर अपने परिवार समेत पूरे प्रदेश का अक्सर मान बढ़ाया है। जो अन्य बेटियों के लिए वाकई मे प्रेरणादायक है। आज हम आपको मूल रूप से ऋषिकेश की निवासी शालिनी मौर्य से रूबरू करवाने वाले हैं जो वर्तमान में पौड़ी जिले के लैंसडाउन क्षेत्र मे तहसीलदार के पद में तैनात हैं।
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बता दें मूल रूप से उत्तराखंड के योग नगरी ऋषिकेश की निवासी शालिनी मौर्य अपने परिवार की बड़ी बेटी है जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष के बलबूते पर पौड़ी जिले के लैंसडाउन क्षेत्र में तहसीलदार का पदभार ग्रहण किया है। शालिनी ने अपनी शिक्षा दीक्षा को लेकर शुरू से ही काफी संघर्ष किए है इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने स्वयं ट्यूशन पढ़ाकर पढ़ाई की और इंटरमीडिएट में जिला टॉप करने के साथ-साथ बीकॉम एमकॉम प्रथम श्रेणी मे उत्तीर्ण किए। इसके साथ ही वह नेट क्वालिफाइड भी हैं।
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दरअसल शालिनी मौर्य का विवाह 2018 में उत्तर प्रदेश के करहां मऊ के मूल निवासी डॉक्टर पीयूष मौर्य से हुआ था। जिसके चलते वह मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना की बहू बनी। डॉक्टर शालिनी मौर्या के डिप्टी कलेक्टर का पदभार ग्रहण करने की खबर मिलते ही उनके ससुराल और मायके में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। शालिनी मौर्य के ससुर मिठू राम मौर्य सहित देवर आयुष मौर्य, ननद रीना मौर्या एवं प्रतिभा मौर्या तथा बेटा महत्त्व मौर्य इस खुशी से फूले नहीं समा पाए। दरअसल शालिनी मौर्या अपने पति की समाज सेवा से बेहद प्रभावित रहती हैं उनके पति पीयूष मौर्या उत्तराखंड के युवा रक्तदाता है जिन्होंने अभी तक 68 बार रक्तदान किया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्हें चार बार मुख्यमंत्री सम्मान से भी नवाजा गया है।