Prakash Goswami Garur Bageshwar: अपनी कड़ी मेहनत से सरकारों और सिस्टम को दिखाया आईना, श्रमदान से पहुंचाई गांव तक सड़क….
यह एक कटु सत्य है कि समस्याओं से जूझते हुए व्यक्ति के पास दो ही रास्ते होते हैं या तो वह हार मान लें या फिर इससे निजात पाने के लिए कुछ करने की ठान लें। राज्य के बागेश्वर जिले से एक ऐसी ही खबर सामने आ रही है जहां के एक युवा ने अपनी कड़ी मेहनत से सरकारों और सिस्टम को आईना दिखाया है। जी हां.. बात हो रही है बागेश्वर जिले के गरूड़ क्षेत्र के पनेल (ग्वाड़पेजना) गांव निवासी प्रकाश गोस्वामी की, जिन्होंने श्रमदान से खुद ही अपने गांव तक 500 मीटर की सड़क बना डाली है। प्रकाश ने यह कदम तब उठाया जब बार बार शासन प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद उनकी मांगों को अनदेखा कर दिया है। जब सिस्टम ने उनकी नहीं सुनी तो पहले तो वह निराश हो गए परन्तु कुछ ही समय बाद उन्होंने खुद ही गांव तक सड़क बनाने का दृढ़ संकल्प लें लिया। जिसके बाद प्रतिदिन 5 घंटे श्रमदान कर वह अपने गांव तक सड़क पहुंचाने में कामयाब रहे। इस कार्य में उन्हें एक साल का समय लगा। उनके इस सराहनीय कार्य की जहां ग्रामीणों ने जमकर सराहना की है वहीं एसडीएम आरके पांडेय ने इस बात की जानकारी होने से इंकार कर दिया है।
(Prakash Goswami Garur Bageshwar)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले के गरूड़ तहसील क्षेत्र के पनेल (ग्वाड़पेजना) गांव निवासी प्रकाश गोस्वामी मुंबई में एक कारोबारी के घर नौकरी करते थे। कुछ समय पूर्व ही वह नौकरी छोड़कर जब गांव लौटे तो उन्होंने गांव में ही मेहनत मजदूरी करना शुरू कर दिया। इस दौरान गांव से प्राथमिक स्कूल कज्यूली एवं कोट मंदिर जाने के लिए संपर्क मार्ग ना होने के कारण ग्रामीणों और बच्चों को हो रही परेशानी को देखकर उन्हें काफी दुख हुआ। इस बाबत उन्होंने डंउगोली कज्यूली मोटर मार्ग को पनेल गांव से जोड़ने की मांग हेतु क्षेत्रीय विधायक, सांसद, जिलाधिकारी एवं ब्लाक प्रमुख को कई बार पत्र प्रेषित किया। परंतु सिस्टम की ऊंची ऊंची कुर्सियों पर बैठे इन पदाधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। हालांकि इस पर भी प्रकाश ने हार नहीं मानी और खुद ही गांव तक सड़क पहुंचाने की ठान ली। इसके लिए उन्होंने बीते वर्ष मार्च माह में काम शुरू किया। इस संबंध में अंबेडकर मंच डगोली के अध्यक्ष प्रकाश चंद और बीबीसी मेम्बर ममता पाण्डेय ने बताया कि प्रकाश गोस्वामी रोजाना तड़के चार बजे से नौ बजे तक सड़क निर्माण के कार्य में जुट जाते थे। इसके बाद ही वह मेहनत मजदूरी करने जाते थे। अपनी इस अनूठी पहल से न केवल प्रकाश गोस्वामी गांव तक सड़क पहुंचाने में कामयाब हुए बल्कि उन्होंने सरकार के पांच लाख रुपए भी बचा लिए। नाम ना लिखने की शर्त पर लोक निर्माण विभाग के एक अभियंता ने बताया कि 500 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण में लगभग 5 लाख रुपए का खर्च आता है।
(Prakash Goswami Garur Bageshwar)
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