उत्तराखंड के मांझी बने गबर रावत खुद ही पहाड़ काटकर गांव तक पहुंचा दी सड़क
Uttarakhand Road: प्रतिनिधियों से गुजारिश करते करते थक गए गांव वाले तो उतरकाशी(Uttarakashi) के फुवाण गांव के ही युवक गबर सिंह रावत ने अपने दम पर पहाड़ काटकर पहुंचाई सड़क
उत्तराखंड(Utttarakhand) में आज भी पहाड़ में लोगों को सड़क(Road) सुविधा के नाम पर सिर्फ वादे और फजीहत ही हाथ आई और न जिने कितने सालो बाद ये वादे पूरे होंगे और कब गाँव गाँव तक सड़क पहुंचेगी। बहुत से दुर्गम पहाड़ी इलाकों में तो ग्रामीणो ने खुद ही सड़क बनानी शुरू कर दी। ऐसे ही एक बुलंद होसलो वाले व्यक्ति है गबर सिंह रावत। जी हाँ उतरकाशी(Uttarakashi) के फुवाण गांव के गबर सिंह बिहार के दशरथ मांझी से कम नहीं हैं। दरअसल अभी तक लोगों को गांव तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी। उन्होंने खुद बिना किसी सरकारी सहायता के डेढ़ महीने में जेसीबी से दो किलोमीटर पहाड़ को काटकर गांव तक सड़क पहुंचा दी। जब गांव में पहली बार वाहन पहुंचा तो ग्रामीण खुशी से झूम उठे।
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गबर सिंह रावत ने फुवाण गांव के लोगों की सबसे बड़ी दिक्कत सड़क की समस्या को खुद की मेहनत और सुजबूझ से हल कर दिया है। उन्होंने अकेले के दम पर जेसीबी से दो किलोमीटर पहाड़ को काटकर गांव तक सड़क पहुंचा दी है और गांव वालों के लिए फरिश्ता बन गए हैं। बता दें कि इससे पहले लोगों को गांव तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी। लेकिन अब गांव तक आसानी से वाहन आ रहे हैं। ग्रामीणो ने खुशी से गबर सिंह को फूलों की मालाओ से लाद दिया। गबर सिंह का कहना है कि प्रतिनिधियों के बार बार छलावे से परेशान उन्होंने गांव तक सड़क पहुंचाने का संकल्प लिया।
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