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Uttarakhand news: There are many unresolved questions behind the death of four friends in Tehri Garhwal district

उत्तराखण्ड

टिहरी गढ़वाल: चार दोस्तों की मौत के पीछे है कई अनसुलझे सवाल, पूरे गांव में दहशत का माहौल

Uttarakhand: टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई चार युवकों की मौत अपने पीछे छोड़ ग‌ई हैं क‌ई रहस्यमय सवाल, जबाव ढूंढना पुलिस के लिए साबित हो रहा टेड़ी खीर..

बीते शनिवार रात को राज्य (Uttarakhand) के टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) जिले के कुंडी गांव में शिकार खेलने गए चार युवकों की संदिग्धावस्था में मौत से जहां पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और क्षेत्र में दहशत का माहौल है वहीं यह घटना अपने पीछे क‌ई अनसुलझे सवाल भी छोड़ कर ग‌ई है। जिनको हल करना पुलिस के लिए अभी टेड़ी खीर बना हुआ है। जंगल से वापस लौटे दो युवकों के मुताबिक संतोष को गोली लगने पर वह उसके शव को रात के घुप्प अंधेरे में दुर्गम पहाड़ी रास्ता तयकर उत्तम लाल की छानी में लेकर आए। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि सभी युवक शव को लेकर छानी में आखिर क्यों आए और वहां उनमें से तीन युवकों ने जहर क्यों खाया। लापता युवक जिसके हाथों से गोली चली वह आखिर कहां चला गया? उसने जहर क्यों नहीं खाया जबकि वह अपने दोस्तों से जहर खाने की बात कही थी। सवाल तो यह भी है कि गत वर्ष इंटर कॉलेज विनयखाल से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वाले ये सभी युवक परिजनों की सहमति के बिना रात को शिकार करने कैसे चले गए? शिकार करने गए युवक किसकी बंदूक ले गए थे यह भी रहस्य का विषय बना हुआ है। कुल मिलाकर अभी घटना के विषय में यह भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह घटना अचानक हुई या इसमें कोई साजिश है।
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गौरतलब है कि बीते शनिवार को राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के कुंडी गांव के चार युवकों की जंगल में संदिग्धावस्था में मौत हो गई थी। ये सभी युवक अपने दोस्तों के साथ जंगल में शिकार करने गए थे। अभी तक यही जानकारी मिल रही थी कि जंगल में शिकार करने को पांच युवक ग‌ए थे परन्तु वास्तव में इनकी संख्या सात थी। जिनमें से चार युवकों सोबन सिंह, पंकज सिंह, संतोष पंवार और अनुज पंवार की मौत हो गई, जबकि एक राजीव उर्फ रजी अभी भी लापता हैं, शेष दो युवक राहुल और सुमित देर रात गांव लौट आए और उन्होंने ही घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी। गांव लौटे युवकों के अनुसार बीते शनिवार की रात आठ बजे के आसपास खवाड़ा गांव निवासी उनके दोस्त राजीव उर्फ रजी पुत्र प्रताप सिंह ने फोन कर जंगल में शिकार करने के लिए कहा। जिस पर वे सभी जंगल की ओर चले गए। बताया गया है कि गांव के ताना नामे तोक में बंदूक के साथ चल रहे राजीव का अचानक पैर फिसल गया और बंदूक का ट्रिगर दबने से अचानक गोली चल गई जो उसके ठीक पीछे चल रहे संतोष की छाती पर लगी और उसने मौके पर ही दम तोड दिया। इससे उनके होश उड़ गए। उन्होंने शव को गांव के पास ही एक छानी में पहुंचाया, जहां तीनों युवकों सोबन, पंकज और अर्जुन ने पास में रखा किटनाशक गटक लिया, जबकि घर के इकलौते होने के कारण राहुल और सुमित को गांव भेज दिया और राजीव दूसरी छानी में जहर खाने की बात कहकर बंदूक सहित लापता हो गया।

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