Ramnagar Tiger attack: नैनीताल के रामनगर मे खूंखार बाघ के हमले से अपनी छोटी बहन को बचाने के लिए भिड़ पड़ी बड़ी बहन, बाघ भागने पर हुआ मजबूर…….
Ramnagar Tiger attack: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों मे खूंखार जंगली जानवरों का आतंक लगातार बरकरार है जो प्रतिदिन किसी ना किसी को अपने घातक हमलों का वार कर गंभीर रूप से जख्मी ही नही बल्कि उन्हें मौत के घाट भी उतार रहे हैं लेकिन इसी के साथ यहाँ पर कुछ ऐसे लोग भी मौजूद है जो अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपनी जान को जोखिम मे डालकर दूसरों को मौत के मुंह से बचा रहे है। ऐसी ही कुछ घटना है नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र की है जहाँ पर घास काट रही महिला पर खूंखार बाघ ने हमला कर दिया और उसे घसीटकर जंगल ले जाने लगा लेकिन तभी इस दौरान महिला की बड़ी बहन ने अपनी सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए उस खूंखार बाघ से डटकर सामना करते हुए अपनी छोटी बहन की जान बचाई।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते शुक्रवार की शाम करीब साढे पांच बजे लीला देवी पत्नी कामदेव (40) वर्ष अपनी बड़ी बहन तारा देवी और एक अन्य महिला सरस्वती देवी के साथ नैनीताल जिले के रामनगर गर्जिया नेशनल हाईवे के किनारे पशुओं के लिए घास काट रही थी तभी इस दौरान घात लगाए बैठे बाघ ने अचानक से लीला देवी पर हमला कर दिया और उसे घसीटकर ले जाने का प्रयास करने लगा लेकिन इस दौरान लीला देवी की बड़ी बहन तारा देवी ने हिम्मत दिखाई और अपनी बहन को खूंखार बाघ से बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना भिड़ पड़ी। तारा देवी ने लकड़ी से बाघ पर वार किया तो बाघ ने उस पर भी हमला करने का प्रयास किया मगर तारा देवी ने हार नही मानी और हल्ला मचाना शुरू किया महिला के साहस और हिम्मत को देखते हुए बाघ ने लीला देवी को वहीं पर छोड़ दिया और खुद जंगल की तरफ भाग निकला।
बाघ के हमले के बाद हाईवे पर राहगीर एकत्र हो गए जिससे सड़क पर जाम लग गया यह देखते हुए वन कर्मियों ने राहगीरों को हाईवे से हटाया और जाम को तुरंत खुलवाया तभी वहां से अचानक कॉर्बेट पार्क के वार्डन अमित ग्वासीकोटी, बिजरानी रेंजर भानु प्रकाश हर्बाेला, कोसी रेंजर शेखर तिवाड़ी सहित अन्य वनाधिकारियों का काफिला गुजर रहा था। जैसे ही उन्हें बाघ के हमले की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत गाड़ी को रोका और बिजरानी रेंजर ने महिला को तत्काल अपनी गाड़ी से रामनगर अस्पताल पहुंचाया। जहां पर महिला का उपचार किया जा रहा है बाघ ने अपने घातक हमले से महिला के सीने व गर्दन पर पर गहरे जख्म दिए हैं हालांकि महिला अभी खतरे से बाहर है। तारा देवी ने बताया कि घायल महिला के चार बच्चे हैं जो अभी अविवाहित हैं इतना ही नही महिला के पति कामदेव की मृत्यु कई साल पहले हो चुकी है।