पिथौरागढ़ में सेना भर्ती (Uttarakhand Army Bharti) की झूठी सुचना पर मध्य प्रदेश से उत्तराखण्ड पहुंचे सैकड़ों युवा, मायूस होकर लौटना पड़ा वापस..
सोशल मीडिया के जहां अपने फायदे हैं वहीं उतने ही नुकसान भी हैं। आज इसी सोशल मीडिया का खामियाजा मध्य प्रदेश के कुछ बेरोजगार युवाओं को भी भुगतना पड़ा। जी हां.. सोशल मीडिया पर फैली पिथौरागढ़ में होने वाली सेना भर्ती (Uttarakhand Army Bharti) की झूठी खबर ने मध्य प्रदेश के सैकड़ों युवाओं को उत्तराखण्ड पहुंचा दिया। दो हजार दूर मध्य प्रदेश से सेना में भर्ती होने की आशा और उमंग लिए टनकपुर पहुंचे इन युवाओं को जब भर्ती नहीं होने का पता चला तो वे मायूस होकर वापस घर लौटने को मजबूर हो गए। वो तो गनीमत रही कि पुलिस की तत्परता से मामला सामने आ गया अन्यथा इन युवाओं को डेढ़ सौ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ का सफर भी खाली बेकार ही करना पड़ता। इन युवाओं का कहना था कि हमें सोशल मीडिया से ही पता चला था कि पिथौरागढ़ में सेना की भर्ती है। दिनभर थके हारे इन युवाओं को मजबूरी में टनकपुर के होटलों और फुटपाथों पर रात काटनी पड़ी।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते रविवार को राज्य के पिथौरागढ़ जिले को जाने के लिए अचानक सैकड़ों युवाओं की भीड़ टनकपुर बस स्टेशन पहुंची तो खलबली मच गई। पहले तो लगा कि ये उत्तराखण्डी प्रवासी युवा हैं, जो होली की छुट्टियों पर आ रहे होंगे। परंतु जब सच्चाई का पता चला तो न केवल इन युवाओं के बल्कि स्थानीय लोगों के साथ ही पुलिस प्रशासन के भी होश उड़ गए। सूचना मिलने पर तुरंत बस स्टेशन पहुंची पुलिस विभाग की टीम ने युवाओं से पूछताछ की तो पता चला कि वे लोग पिथौरागढ़ में हो रही सेना की भर्ती में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के रीवा जिले से यहां पहुंचे हैं। इस पर सबसे पहले तो पुलिस ने इन युवाओं को टनकपुर में ही रोक दिया, फिर सेना भर्ती की छानबीन में जुट गई। छानबीन में पुलिस को पता चला कि पिथौरागढ़ बीआरओ में सेना की कोई भर्ती नहीं है। जिस पर पहले तो इन युवाओं को विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन जब चंपावत पुलिस की ओर से सोशल मीडिया में वायरल सेना भर्ती की झूठी सूचना के बारे में बताया गया तब जाकर कहीं उन्होंने इसे सच माना।
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