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देहरादून

वीडियो: उत्तराखण्ड में वनाग्नि के नाम से देश में फेक पोस्ट हुई वायरल डीजी बोले होगी कार्रवाई

Uttarakhand Forest Fire: सोशल मीडिया पर फ़ैल रही है उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की तस्वीरें, मुख्यमंत्री ने बताया झूठी, डीजी बोले होगी कार्रवाई..

वास्तव में सोशल मीडिया, जनता की आवाज को बुलंद करने का सशक्त माध्यम है। जहां सोशल मीडिया के अनगिनत फायदे हैं वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिनमें पहले नम्बर पर बड़ी पैमाने पर अफवाहों का फैलना भी है। सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें ऐसी होती हैं जो बड़े से बड़े नेताओं, पत्रकारों, देश-विदेश के नामी हस्तियों को भी अपने लपेटे में ले लेती है और कोई इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाता कि यह सच है या झूठ। ऐसी ही कुछ अफवाहें आजकल उत्तराखण्ड को लेकर भी सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है। जी हां.. हम उत्तराखण्ड के जंगलों में लग रही आग की बात कर रहे हैं, जिसकी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में देखा जा सकता है। परंतु वास्तव में यह सच नहीं है, उत्तराखण्ड में दावाग्नि (Uttarakhand Forest fire) की ऐसी कोई भी घटना इस वर्ष नहीं हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सहित उत्तराखंड पुलिस के डीजी अशोक कुमार ने इस तरह की खबरों को गलत बताया है।



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सोशल मीडिया पर चल रहा है प्रे फार उत्तराखण्ड अभियान, दान भी मांगा जा रहा, डीजी ने कहा इस तरह की खबरें फैलाने पर होगी कार्रवाई:-

बता दें कि सोशल मीडिया पर इन दिनों उत्तराखण्ड के लिए दुआओं का दौर चल रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों के जंगलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की जा रही है और प्रे फार उत्तराखण्ड अभियान भी चलाया जा रहा है। यहां तक कि देश-विदेश की क‌ई जानी-मानी हस्तियों ने भी इन तस्वीरों को साझा किया है परन्तु ये तस्वीरें इस वर्ष की नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खुद इसकी जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट से साझा करते हुए बताया कि सोशल मीडिया पर इन दिनों “उत्तराखंड जल रहा है” जैसा एक भ्रामक दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है लेकिन वास्तव में इसमें वायरल तस्वीरें या तो 2016-2017 में उत्तराखण्ड में हुई वनाग्नि (Uttarakhand Forest Fire) की है या फिर चीन आदि देशों से ली गई है। वर्तमान में ऐसी कोई भी घटना राज्य में नहीं हुई है। वहीं उत्तराखण्ड पुलिस के डीजी अशोक कुमार ने भी इन खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि यह एक भ्रामक अभियान है और कुछ लोग इसके लिए दान मांगकर पैसा भी एकत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, इस तरह की अफवाह फ़ैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।



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