उत्तराखण्ड: ड्यूटी के साथ राहत शिविर में रह रहे बच्चों को पढ़ा भी रही हैं पुलिस कांस्टेबल कमला
uttarakhand: महिला कांस्टेबल कमला का सराहनीय प्रयास, ड्यूटी के साथ ही कर रही मजदूरों के बच्चों को शिक्षित..
वर्तमान समय मे उत्तराखण्ड पुलिस (Uttarakhand)कोरोना वारियर्स बनकर न सिर्फ लोगों से लाॅकडाउन का सख्ती से पालन करा रही है बल्कि रोज नई-नई सराहनीय पहल कर समाज के प्रति अपने दायित्व को भी अच्छे से निभा रही हैं। वैसे तो लाॅकडाउन के दिनों में उत्तराखण्ड पुलिस की ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिली है जहां पुलिस कर्मियों द्वारा किसी ना किसी प्रकार से जरूरतमंदों की मदद करने का हरसंभव प्रयास किया है। फिर भी हमें आज की यह तस्वीर सबसे ज्यादा प्रेरणादायक लगी जिसमें पुलिस कर्मी एक शिक्षका की भूमिका निभाते हुए बच्चों को पढ़ा रही है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के चम्पावत जिले के बनबसा में तैनात महिला कांस्टेबल कमला चौहान की, जो इन दिनों अपनी ड्यूटी के साथ ही बच्चों को पढ़ा भी रही है। सबसे खास बात तो यह है कि जिन बच्चों को कमला द्वारा पढ़ाया जा रहा है वह रोजमर्रा के कामों को करकर अपना जीवन-यापन करने वाले मजदूरों के बच्चे हैं। कमला के इस सराहनीय कार्य को लोगों द्वारा भी काफी सराहा जा रहा है।
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कमला अपने खर्चे से बच्चों को पाठन सामग्री भी उपलब्ध करा रही:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चम्पावत जिले के बनबसा के भजनपुर राजकीय इंटर कॉलेज में भी प्रशासन द्वारा एक राहत शिविर बनाया गया है। इस राहत शिविर में प्रशासन द्वारा दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों को रखा गया है। बता दें कि इसी राहत शिविर में उत्तराखंड पुलिस के अन्य जवानों के साथ महिला कांस्टेबल कमला चौहान भी तैनात। कमला यहां न सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रही है बल्कि राहत शिविर में शामिल मजदूरों के 19 बच्चों को पढ़ाकर उन्हें शिक्षित भी कर रही है। इतना ही नहीं कमला बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें अपने खर्चे से आवश्यक स्टेशनरी जैसे पेंसिल, काफी एवं अन्य पाठन सामग्री भी मुहैया करा रही हैं। इसके साथ ही कमला राहत शिविर में रह रहे सभी मजदूरों को भी कोरोना महामारी के प्रति जागरूक कर उन्हें इसके बचाव के उपाय भी बता रही हैं। कमला के इस अभूतपूर्व कार्य की सिर्फ स्थानीय जनता ने बल्कि जिले के एसपी लोकेश्वर सिंह ने भी तारीफ की है।
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