उत्तराखंड: सर्दियों में जरूर खाएं पहाड़ के ये पौष्टिक व्यंजन…
3. कौफुली- पालक के पत्तों से तैयार किया जाने वाला एक स्वादिष्ट व्यंजन कौफुली है जिसे उत्तराखण्ड के लोग सर्दियों मे अक्सर चावल के साथ बड़े चाव से खाते है। कौफुली नामक इस साग मे आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो लोगो के लिए सेहत का विशेष खजाना मानी जाती है। यह साग पोषक तत्वों से भरपूर होता है इतना ही नहीं बल्कि यह उत्तराखंड की संस्कृति का भी अहम हिस्सा माना जाता है। कौफुली को लोग खास तौर पर लोहे की कड़ाही में बनाते हैं क्योंकि इसमें साग का स्वाद और अधिक बढ़ जाता है।
4. बाड़ी- उत्तराखंड का एक लोकप्रिय पहाड़ी व्यंजन बाड़ी भी है जिसे मंडवे के आटे से गर्म पानी में डालकर तैयार किया जाता है। सर्दियों के दौरान उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के लोग इस व्यंजन का अधिकांश उपयोग करते हैं जिसमें विटामिन बी 12 और विटामिन ए जैसे भरपूर पोषक तत्व पाए जाते हैं। बाड़ी अपनी सुगंध और तीखे स्वाद के लिए जाना जाता है। बताते चले बाड़ी को काफी कम समय में बनाकर आसानी से तैयार किया जा सकता है। बाड़ी सर्दी के मौसम में शरीर को ताकत देने और ऊर्जा देने में सहायक माना जाता है।
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5.भांग की चटनी – भांग की चटनी भी उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों में से एक है जो खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में बनाई जाती है। इस चटनी को भुने हुए भांग के बीज और भुने हुए जीरे के साथ ढेर सारे नींबू के रस और मिर्च मसाला डालकर तैयार किया जाता है। जिसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है इसको लोग मंडवे की रोटी के साथ ही पराठे में खाना भी पसंद करते हैं।
6.फानू- उत्तराखंड का एक लोकप्रिय पहाड़ी व्यंजन जिसे कई दालों से तैयार किया जाता है उसे फानू कहा जाता है दरअसल फानू दालो को पिसकर बनाया जाता है जिसे बनाने के लिए खास तौर पर पहाड़ी दाल गहत का प्रयोग किया जाता है। सर्दियों में भरपूर मात्रा में चावल के साथ फानू का प्रयोग होता है जिसमें भरपूर प्रोटीन पाया जाता है।
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7.चैंसू- चैनसो जिसे उत्तराखंड की आम भाषा में चौंसा भी कहा जाता है इसे उड़द की दाल से तैयार किया जाता है जिसे लोग अक्सर काले चने की दाल के साथ भी बनाते हैं। सर्दियों में चौंसा शरीर मे गर्मी के साथ ही ऊर्जा प्रदान करता है जिसमें प्रोटीन समेत विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं। चौंसा उत्तराखंड के लगभग सभी घरों के लोगों द्वारा बनाया जाता है। चौंसा अक्सर चावल के साथ प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि इसको चावल के साथ खाने में इसका स्वाद और अधिक बढ़ जाता है।
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