इस दर्दनाक सड़क हादसे में 16 वर्षीया दिव्यांशी ने खो दिया अपने पिता को…
उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते सड़क हादसों से अब पर्वतीय रूटों पर सफर करना भी लोगो के लिए अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं है। शायद ही ऐसा कोई दिन गुजरता होगा जब पहाड़ो से किसी सड़क हादसे की खबर न मिलती हो। आज फिर एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर बदरीनाथ हाईवे से आ रही है। खबर बीते रविवार की है जब एक परिवार धारी देवी के दर्शन के लिए निकला था, लेकिन वह धारी से आगे खांकरा की ओर चले गए। तभी वापसी में श्रीनगर से करीब 16 किलोमीटर दूर कलियासौड़ में उनकी कार अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी (श्रीनगर जल विद्युत परियोजना झील) में जा गिरी। हादसे में कार स्वामी और उनके एक रिश्तेदार की पानी में डूबने से मौत हो गई, जबकि कार स्वामी की बेटी की ऊपर ही छिटकने से जान बच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दिव्यांशी को बचाने एक अज्ञात युवक देवदूत की तरह आया। दिव्यांशी को नदी किनारे पड़ा देख एक कार में सवार युवक बिना अपनी जान की परवाह किए सीधी खाई में दौड़ पड़ा और दिव्यांशी को कंधे में अन्य लोगों की मदद से ऊपर ले आया।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ हाईवे पर रविवार को कलियासौड़ के पास हुए दर्दनाक हादसे में दो लोगों ने अपनी जान गवां दी। हादसे की खबर मिलते ही तुरंत पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया। दोनों टीम ने मृतकों गढ़वाल विवि के कर्मचारी देवेंद्र सिंह पुत्र रविराम, बड़ी बेटी के देवर प्रवीण कुमार पुत्र हर्षमणि निवासी त्यागणी पौखाल (टिहरी) के शव कार के अंदर से निकाल लिए हैं। काफी मशक्त के बाद पुलिस और एसडीआरएफ ने मशीनों की मदद से कार को पानी से बाहर निकालते हुए कार के अंदर से दोनों मृतकों के शव निकाले हैं। इस हादसी में उनकी बेटी दिव्यांशी खाई में लुढ़कते हुए ऊपर ही छिटक गई, जिसे बचा लिया गया। जबकि देवेंद्र और प्रवीण कार के अंदर ही रह गए। चौकी प्रभारी श्रीकोट महेश रावत के अनुसार दिव्यांशी का अस्पताल में उपचार चल रहा है। उसके माथे और हाथ में चोट है। बेटी का कहना है की कार पिता चला रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि यदि कार स्वामी ने सीट बेल्ट नहीं पहनी होती तो शायद बाहर छिटकने से उनकी भी जान बच सकती थी। जिसके चलते शव को सीट बेल्ट काटकर बाहर निकलना पड़ा।
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