रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने रोडवेज (Uttarakhand Roadways) प्रबंधन को भेजा 20 अक्टूबर से आंदोलन (Employees Strike) का नोटिस, मांगों पर कोई कार्रवाई न होने पर रोडवेज कार्मिक करेंगे 20 अक्टूबर से कार्यबहिष्कार..
अभी उत्तराखण्ड रोडवेज (Uttarakhand Roadways) की सेवाएं पूरी तरह पटरी पर भी नहीं लौट पाई है इसी बीच राजधानी देहरादून से यात्रियों को चिंतित करने वाली खबर आ रही है। जहां रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपनी विभिन्न मांगों पर कोई कार्रवाई न होता देख अब रोडवेज के प्रबंध निदेशक को 20 अक्टूबर से कार्यबहिष्कार का नोटिस भेज दिया है। परिषद द्वारा भेजे इस नोटिस में जहां पहले चरण में 20 अक्तूबर को एक दिवसीय धरने की बात कही गई है वहीं दूसरे चरण में परिषद ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार (Employees Strike) की चेतावनी भी दी है। अब देखने वाली बात होगी कि रोडवेज प्रबंधन कर्मचारी परिषद के इस नोटिस को किस तरह लेते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि यदि रोडवेज प्रंबधन और कर्मचारियों के बीच आम सहमति ना बनी तो इसका खामियाजा जनता को भी भुगतना पड़ेगा। हालांकि यदि रोडवेज प्रंबधन कर्मचारी परिषद की मांगों को मान लेता है या कर्मचारियों को मना लेता है तो तो निश्चित ही कर्मचारी परिषद द्वारा घोषित यह आंदोलन स्वत: ही टल जाएगा।
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पूर्व हुई बैठकों में दिए गए आश्वासनों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से भड़के रोडवेज कार्मिक, रोडवेज प्रबंधन को दिया 20 अक्टूबर तक का समय:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपनी विभिन्न मांगों पर कार्रवाई न होने पर अब आगामी 20 अक्टूबर से आंदोलन करने का फैसला लिया है। बीते शनिवार को संयुक्त परिषद ने अपने इस फैसले से रोडवेज प्रबंधन को भी एक नोटिस के जरिए अवगत करा दिया है। जिसमें कहा गया है कि बीते तीन मार्च व 17 मार्च को परिषद के अधिकारियों की प्रबंधन के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। जिनमें रोडवेज प्रबंधन द्वारा परिषद के प्रतिनिधिमंडल को मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था, परंतु अभी तक इन आश्वासनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिस कारण परिषद को अब अपनी मांगों को मनवाने के लिए मजबूरन आंदोलन का सहारा लेने के बाध्य होना पड़ रहा है। परिषद द्वारा नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि 20 अक्तूबर तक प्रबंधन ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया तो सबसे पहले कर्मचारियों द्वारा इसी तारीख को सभी प्राथमिक शाखाओं में धरना दिया जाएगा और इसके तुरंत बाद कर्मचारियों द्वारा निगम मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी रोडवेज प्रबंधन की होगी।
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कर्मचारी परिषद की यह है प्रमुख मांगे:-
1) रोडवेज के सेवानिवृत्त एवं मृतक कर्मियों के आश्रितों को सभी देयकों का शीघ्र भुगतान किया जाए।
2) रोडवेज में कार्यरत नियमित, संविदा एवं विशेष श्रेणी कार्मिकों को दीपावली से पहले न्यूनतम दो महीने के वेतन का भुगतान किया जाए।
3) संविदा व विशेष श्रेणी कार्मिकों को पहले की तरह ही प्रोत्साहन योजना व समान कार्य समान वेतन का लाभ दिया जाए।
4) 17 मार्च 2020 की बैठक में बनी सभी सहमतियों को यथाशीघ्र लागू किया जाए।
5) गलत वेतन पाने वाले कार्मिकों से रिकवरी से पहले दोषी अधिकारियों व कमेटियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
6) कोरोना महामारी से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में पहले रोडवेज की शत प्रतिशत बसों का संचालन किया जाए। इसके बाद ही अनुबंध की बसों को चलाने पर विचार हों। एवं इसी तरह की कुछ अन्य मांगे जिनमें निगम की भूमियों का आय बढ़ाने के लिए सदुपयोग करने, समस्त निगमकर्मियों को अटल आयुष्मान भारत योजना देने, पदोन्नति प्रक्रिया में शिथिलता देने तथा प्रोन्नति प्रकियाओं को शुरू करना भी शामिल हैं।