शिक्षा मंत्री (Education Minister) की आम सहमति से स्कूलों (Uttarakhand School) को खोलने की घोषणा के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावकों के लिए एक और अच्छी खबर..
राज्य सरकार 15 अक्टूबर से स्कूलों-कालेजों को खोलने की पूरी तैयारी कर रही है ऐसे में जहां पूरे राज्य में इस विषय में चर्चाएं होना लाजिमी है वहीं अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन की चिंताएं भी लगातार बढ़ रही है। अभिभावकों को जहां अपने नौनिहालों की सुरक्षा की चिंता है तो विद्यालय प्रबंधन को स्कूल खुलने के बाद बच्चों और शिक्षकों में कोरोना संक्रमण के फैलने का डर सता रहा है। ऐसे समय में जब कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, अभिभावकों और विद्यालय प्रबंधन का चिंतित होना स्वाभाविक है। अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावकों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। शिक्षा मंत्री(Education Minister) के बाद अब उत्तराखण्ड सरकार ने साफ किया है कि यदि विद्यालय (Uttarakhand School) खुलते है तो भी आनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रहेगी। ऐसे में यदि छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम में सहुलियत हो रही है तो उन पर स्कूल आने की कोई बाध्यता नहीं होगी। इसके अतिरिक्त विद्यालय प्रबंधन छात्र-छात्राओं पर इस बात का दबाव भी नहीं डालेगा कि उन्हें रोज स्कूल आना ही है। कम हाजिरी के बावजूद भी स्कूल प्रबंधन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। केवल वहीं विद्यार्थी स्कूल आएंगे, जिनके पास स्कूल जाने के लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति होगी।
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शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद शिक्षा सचिव ने जिलाधिकारियों से एक सप्ताह के अंदर मांगी है रिपोर्ट:-
बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में जारी अनलाक-5 की गाइडलाइंस में 15 अक्टूबर से स्कूलों-कालेजों को खोलने की सशर्त अनुमति देने की बात कही थी। जिसके बाद से हर किसी के मन में यही सवाल उमड़ रहा है कि क्या 15 अक्टूबर से स्कूलों-कालेजों को वास्तव में खोला जा रहा है या नहीं। बताते चलें कि गाइडलाइंस जारी होने से पूर्व राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने अभिभावकों और विद्यालय प्रबंधन को संतुष्ट करते हुए कहा था कि स्कूलों को तभी खोला जाएगा जब अभिभावक और विद्यालय प्रबंधन इसके पक्ष में होंगे अर्थात स्कूलों को खोलने का निर्णय आम सहमति से लिया जाएगा। जिसके लिए सभी जिलाधिकारियों से अभिभावकों और विद्यालय प्रबंधन की राय जानकर एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को भी कहा गया है। जिलाधिकारियों की रिपोर्ट में यदि आम सहमति नजर आती है तो ही को स्कूलों को खोलने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा, यह बात भी शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने ही सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान कही थी। परंतु अगले ही दिन राज्य सरकार द्वारा जारी अनलाक-5 की गाइडलाइंस के बाद से एक बार फिर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि गाइडलाइंस में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल नहीं आने के इच्छुक छात्र ऑनलाइन मोड में पढ़ाई को जारी रख सकते हैं।
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