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उत्तराखण्ड का जवान जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद, खबर से पहाड़ में मचा कोहराम

बीएस‌एफ में तैनात हवलदार (Uttarakhand Soldier) कुपवाड़ा में शहीद (Martyr), परिवार में कोहराम, अगले महीने घर आने वाले थे शहीद हवलदार..

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा से देवभूमि उत्तराखंड के लिए दुखद खबर आ रही है जहां बीएस‌एफ में तैनात हवलदार कुंदन राम (Uttarakhand soldier) शहीद (Martyr) हो गए। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि हवलदार कुंदन ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की या फिर वह दुश्मन की गोली लगने से शहीद हुए हैं। बताया गया है कि कि शहीद हवलदार राज्य के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर रविवार शाम तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है। बीएसएफ के अधिकारियों द्वारा कुंदन के परिजनों को उनकी मौत की सूचना यह कहकर दी गई कि गोली लगने से उनकी मौत हुई है। निधन का समाचार मिलने के बाद से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है, वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण शहीद हवलदार के घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि शहीद हवलदार कुंदन अगले महीने घर आने वाले थे, जिस कारण परिजन उनका बेशब्री से इंतजार कर रहे थे परन्तु उससे पहले ही उनकी मौत की खबर आ गई, जिसने परिजनों के सपनों को बुरी तरह तोड कर रख दिया।
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परिजनों की आंखों से थम नहीं रहे आंसू, शहीद की मां- पत्नी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया विकासखंड के सिरौली गांव निवासी कुंदन आर्या बीएस‌एफ में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। 22 साल की उम्र में 1994 में बीएसएफ की 169 बटालियन में भर्ती होने वाले कुंदन वर्तमान में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे। बताया गया है कि बीएस‌एफ के अधिकारियों ने परिजनों को फोन करके बताया कि दो दिन पहले गोली लगने से उनकी मौत हो गई है। हवलदार के निधन का समाचार सुनकर परिवार में कोहराम मच गया। खबर सुनने के बाद से शहीद हवलदार कुंदन की मां हंसी देवी व पत्नी सुनीता देवी की आंखों से जहां आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं वहीं उनके बेटे सहित अन्य परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि कुंदन अगले महीने सितंबर में पेंशन संबंधी कागज तैयार करने के लिए घर आने वाले थे। परिजनों को घर आने की जानकारी भी कुंदन ने इसी महीने दी थी। इससे पूर्व वह नवंबर 2019 में छुट्टी पर घर आए थे। दो माह की छुट्टी बिताने के बाद वह 19 जनवरी 2020 को ड्यूटी पर चले गए थे।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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