Uttarakhand Weather Forecast: राज्य में अगले 72 घंटे हो सकती है भारी से भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया हाई अलर्ट..
उत्तराखण्ड में मानसून एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है। दक्षिणी-पश्चिमी विक्षोभ के बढ़ते दबाव के कारण राज्य में भारी बारिश देखने को मिल रही है। मौसम विभाग ने एक बार फिर राज्य के आठ जिलों में भारी से भारी बारिश की संभावना जताई है। (Uttarakhand Weather Forecast) राज्य के इन जिलों में अगले 72 घंटे के लिए हाई अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। उत्तराखंड आपातकालीन परिचालन केंद्र ने राज्य के आठ जिलों के कुछ इलाकों में 13 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया है। इन हाई अलर्ट वाले जिलों में राजधानी देहरादून के अलावा हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चमोली शामिल हैं। केंद्र के संयुक्त सचिव प्रदीप जोशी की ओर से जारी हाई अलर्ट में कहा गया है कि इन जिलों के कई क्षेत्रों में अगले 72 घंटे तीव्र दौर के साथ भारी से भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही उन्होंने कहीं- कहीं आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी जताई है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार भी राज्य में अभी मानसूनी बारिश का यह खतरनाक दौर जारी रहेगा।
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राज्य में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई सड़कें हुई बंद:-
बता दें कि राज्य में मानसूनी बारिश लगातार कहर बरपा रही है। पर्वतीय जिलों में जहां भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचाई है। वहीं मैदानी इलाकों में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य के सीमांत जिलों के कई इलाकों में तो पिछले महीने से आपदा का कहर जारी है। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी, बंगापानी और धारचूला क्षेत्र में मौसम ने ऐसा कहर बरपाया है कि अब क्षेत्रवासी हल्की बारिश से भी सहम उठते हैं। इन क्षेत्रों को बाहरी दुनिया से जोड़ने वाले सभी सम्पर्क मार्ग भी ध्वस्त हो चुके हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाली सभी सड़कें पिछले एक माह से बंद पड़ी है। यही हाल चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों का भी है। लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है। रूद्रप्रयाग जिले में जहां केदारनाथ हाइवे पिछले तीन दिनों से पूरी तरह बंद है वहीं उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे भी मलवा आने से यातायात पूरी तरह बाधित है। ऋषिकेश बद्रीनाथ हाइवे भी बंद पड़ा है। यमुनोत्री धाम का पैदल मार्ग भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊं में 100 से ज्यादा सड़कें मलबा आने से बाधित हैं।
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