पिथौरागढ़ में बारिश का कहर होटल हुआ जमींदोज, कई पुल बहे बहुत से मकान ध्वस्त
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Uttarakhand Weather :सीमांत पिथौरागढ़ (Pithoragarh Rain) में आपदा का कहर जारी, कई घर जमींदोज, प्रसिद्ध खलियाटाप में भी हुआ भूस्खलन..
उत्तराखंड में मौसम (Uttarakhand Weather) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहा पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टि और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है वही मैदानी इलाकों में बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हैं। बात अगर सीमांत जिले पिथौरागढ़ की करे तो यहा इस बार मानसूनी बारिश (Pithoragarh Rain) ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। मुनस्यारी, बंगापानी तथा धारचूला के कई गांव का एक माह के अंदर ही नामोनिशान गायब हो चुका है। जिले के मुनस्यारी में बीते रविवार की रात एक बार फिर मुसलाधार बारिश ने नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से पर्यटन स्थल खलियाटाप में भी खासा नुकसान हुआ है। यहां कुमाऊं मंडल विकास निगम का पर्यटक आवास गृह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। बता दें कि खलियाटाप मुनस्यारी का सबसे शीर्षस्थ शिखर है दस हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सभी सम्पर्क मार्ग, पुल ध्वस्त हो चुके हैं। आपदा प्रभावित धापा और जोशा गांव में सोमवार को फिर से 12 घर जमींदोज हो गए जबकि तीन घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बंगापानी तहसील से भी कुछ मकानों के जमींदोज होने की खबर मिली है। हालांकि इस रविवार को जनहानि की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई परंतु लगातार बरसते बदरा लोगों में अभी भी दहशत पैदा कर रहे हैं।
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कई सड़कें बंद, आपदा ग्रस्त क्षेत्रों को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग भी ध्वस्त:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में रविवार की रात को एक बार फिर बारिश का रौद्र रूप देखने को मिला। रविवार रात हुई भारी बारिश से मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क पर कैठी बैंड में स्थित सोबन सिंह ढोकटी का होटल पूरी तरह ध्वस्त हो गया। वह तो गनीमत रही कि कोरोना के कारण यह होटल वर्तमान समय में बंद था अन्यथा जान-माल का नुक़सान होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता था। इसी मोटर मार्ग पर बीआरओ द्वारा 28 जुलाई को आवागमन के लिए बनाया गया लकड़ी भी नदी के तेज उफान से बह गया। जिससे दरकोट, दरांती, धापा, सेविला, सेरासुरैधार समेत आदि कई गांवों का दुनिया से सम्पर्क टूट गया। क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण सड़कें जिनमें थल-मुनस्यारी सड़क मार्ग भी शामिल हैं, मलवा आने से कई जगह बंद पड़ी है। क्षेत्र में कितनी भयंकर बारिश हो रही है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नदी का जलस्तर यूपीसीएल की बिजली लाइन के पोलों तक पहुंच गया है। उधर धापा और जोशा गांव में 12 मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए है। यहां बीते 18 और 19 जुलाई को भी बादल फटने से खासा नुकसान हुआ था।
