अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के चनौदा कस्बे में हुए अंजली बोरा हत्याकांड (Anjali Bora Murder Case) में बड़ा अपडेट, अस्पताल में भर्ती हत्यारोपी युवक दीपक भंडारी ने भी तोड़ा दम…
बीते रोज राज्य के अल्मोड़ा जिले के चनोदा कस्बे में हुए अंजली बोरा हत्याकांड (Anjali Bora Murder Case) में बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती हत्यारोपी युवक दीपक सिंह भंडारी ने भी दम तोड दिया है। बता दें कि हत्यारोपी दीपक वारदात को अंजाम देने के बाद कौसानी क्षेत्र से अर्द्धमुर्छित अवस्था में बरामद हुआ था। जिसे पुलिस ने तुरंत कौसानी के एक अस्पताल में भर्ती कराया था जहां से उसे देर रात सीएचसी बैजनाथ रेफर किया गया जहां उसने शुक्रवार को दम तोड दिया। इससे पूर्व पुलिस ने मृतका अंजली के भाई की तहरीर पर हत्यारोपी दीपक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस की शुरूआती छानबीन में हत्याकांड का यह मामला प्रेम प्रसंग पर आधारित लग रहा है। मिल रही जानकारी के अनुसार आपा खोए दीपक सिंह ने प्रेम संबंध से इनकार करने पर अंजलि की निर्मम हत्या कर दी थी तथा बाद में खुद भी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। इस हत्याकांड के बाद जहां चनौदा कस्बे का माहौल गमगीन है वहीं दोनों परिवारों में कोहराम मचा हुआ है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: सोमेश्वर में सिरफिरे युवक ने युवती को घर में घुसकर चाकू से गोदकर कर दी हत्या
गौरतलब है कि मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के गुरुड़ा गांव निवासी हरीश सिंह अपने परिवान के साथ चनौदा कस्बे में गांधी आश्रम के पास रहते हैं। बीते गुरुवार शाम को जब उनकी 19 वर्षीय पुत्री उनकी अंजलि बोरा अपने घर के तीसरे माले पर थी उसी वक्त स्कूटी सवार ढौनीगाढ़ (सोमेश्वर तहसील) निवासी दीपक सिंह भंडारी उसके घर पहुंचा और चाकू से तीन-चार वार कर उसकी हत्या कर दी थी। कत्ल के बाद दीपक कांटली रोड की ओर फरार हो गया था और चायबागान के पास जहर गटक लिया। देर शाम उसे कौसानी क्षेत्र से अर्द्धमुर्छित अवस्था में बरामद कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उसे सीएचसी बैजनाथ रेफर कर दिया गया जहां उसने शुक्रवार को दम तोड दिया। इस हत्याकांड से दोनों परिवारों में कोहराम मच गया। पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
यह भी पढ़ें- अल्मोड़ा दन्या हत्याकांड में लडकी के पिता और ग्राम प्रधान समेत पांच लोग सलाखों के पीछे