सीडीएस बिपिन रावत से प्रेरित होकर चुनी भारतीय सेना की राह और अब बने लेफ्टिनेंट
उत्तराखंड के युवाओं में देश सेवा का जज्बा बचपन से ही उनके रगो में दौड़ता है, इस बात में कोई दोहराय नहीं है। गौरतलब है की बीते शनिवार को आईएमए देहरादून से 319 जेंटलमैन कैडेट पासआउट हुए जिनमें से 44 कैडेट देवभूमि उत्तराखंड से है। बता दें कि इस कार्यक्रम में जनरल बिपिन रावत को भी शामिल होना था लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद सिर्फ राष्ट्रपति को ही इसमें शिरकत करना पड़ा। अगर बात करें सीडीएस बिपिन रावत की तो उन्होंने युवाओं को सेना के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना पूर्ण योगदान दिया। आज हम बात कर रहे हैं आईएमए देहरादून से चयनित कैडेटों में राज्य के नैनीताल जिले से गौरव जोशी की जिन्होंने सीडीएस बिपिन रावत से प्रभावित होकर होटल की नौकरी छोड़कर सेना में जाने की राह चुनी। गौरव ने सेना में जाने के लिए विदेश जाने तक का ऑफर ठुकरा दिया।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को आईएमए देहरादून की पासिंग आउट परेड से पास आउट होकर नैनीताल जिले के रामनगर निवासी गौरव जोशी सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। बता दे कि गौरव के पिता भी सेना में अफसर रहे हैं। लेकिन गौरव का होटल मैनेजमेंट मैं अपना भविष्य बनाने का सपना था। गौरव की प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़ के आर्मी पब्लिक स्कूल से हुई। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए गौरव बेंगलुरु चले गए। गौरव होटल लाइन में ही रहकर विदेश भ्रमण करना चाहते थे। लेकिन अचानक से गौरव का यह सपना बदल गया इसका कारण थे सीडीएस विपिन रावत जिनसे प्रेरित होकर गौरव ने सेना में जाने का मन बना लिया। इसके बाद उन्होंने सीडीएस की परीक्षा दी। परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद गौरव भारतीय सैन्य अकादमी में चुने गए। उनकी मेहनत और लगन से प्रशिक्षक भी प्रभावित हुए। गौरव जोशी की मां गीता देवी और बहन रितु जोशी शर्मा को भी गौरव पर गर्व है।