Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
Uttarakhand news: Paras Pandey of almora who studied at Sainik School Ghorakhal, became a leftinent in indian army.

IMA DEHRADUN

अल्मोड़ा

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से पढ़े पारस पांडे बने सेना में लेफ्टिनेंट, प्रदेश का बढ़ा मान

पारस बने सेना में लेफ्टिनेंट, सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (Sainik School Ghorakhal Uttarakhand) से की है पढ़ाई, बेटे को वर्दी में देखकर हिमालय से ऊंचा हुआ माता-पिता का मस्तक..

देश की सेनाओं को जांबाज देने में अग्रणी स्थान रखने वाले वीरभूमि उत्तराखण्ड के युवा सेना में जाकर देशसेवा करने को किस तरह लालायित रहते हैं इसका अंदाजा नौनिहालों को सुबह-शाम तैयारी करते हुए देखकर आसानी से लगाया जा सकता है तो प्रतिवर्ष आईएमए, ओटीए एवं सेना भर्ती के माध्यम से सेनाओं में सम्मिलित होने वाले राज्य के युवा भी इसका एक बड़ा उदाहरण है। शनिवार को आईएमए देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान भी राज्य के 44 बहादुर बेटे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन ग‌ए है। राज्य के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले पारस पांडे भी उन्हीं युवाओं में से हैं जिन्होंने पासिंग आउट परेड के दौरान अंतिम पग पार करते हुए मां भारती की रक्षा की शपथ ली। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। (Sainik School Ghorakhal Uttarakhand)
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: गोरखा रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट बने रानीखेत के अनुभव CDS रावत को मानते हैं आदर्श

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के पाटिया के पारस पाण्डे सेना ​में लेफ्टिनेंट बन गये है। बता दें कि वर्तमान में पारस का परिवार अल्मोड़ा के झिझाड़ मोहल्ले में रहता हैं। अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देने वाले पारस ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कूर्मांचल एकेडमी अल्मोड़ा से प्राप्त की,तदोपरांत उन्होने इंटरमीडिएट की परीक्षा सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (Sainik School Ghorakhal Uttarakhand) से उत्तीर्ण की। जिसके बाद उनका चयन एनडीए में हो गया। जहां से वह शनिवार को पास आउट होकर भारतीय सेना का हिस्सा बने। इस दौरान उनके पिता गिरीश चंद्र पाण्डे और माता भावना पाण्डे इस गौरवशाली पल के गवाह बने। बेटे को सैन्य अफसर की वर्दी में देखकर जहां वह फूले नहीं समा रहे थे वहीं गौरवान्वित होकर उनका मस्तक हिमालय से भी ऊंचा लग रहा था।

यह भी पढ़ें- गौरवान्वित हुआ उत्तराखण्ड: सेना को जांबाज देने में नहीं है कोई सानी, POP में 44 बेटे बने अफसर

लेख शेयर करे

More in IMA DEHRADUN

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement Enter ad code here

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

To Top