Haldwani Flyover: सरकार की उदासीनता के कारण फाइलों में ही दफन हो गया मुखानी चौराहे पर प्रस्तावित फ्लाईओवर, हाईकोर्ट ने फिर अख्तियार किया सख्त रुख…
विकास के प्रति हमारी सरकारें, जनप्रतिनिधि और सरकारी तंत्र कितना गंभीर है इसका अंदाजा हल्द्वानी की इस खबर से आसानी से लगाया जा सकता है जहां मुखानी चौराहे पर प्रस्तावित फ्लाईओवर का जिन्न अभी तक फाइलों के अंदर ही दुबका हुआ है। यह हाल तब है जबकि उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा फ्लाईओवर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश लोक निर्माण विभाग को दिए थे। इससे यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि जब सरकारें हाईकोर्ट के आदेशों के प्रति ही गंभीर नहीं है तो आम जनमानस की समस्याओं/बातों पर उनकी गंभीरता स्वत: ही आंकी जा सकती है। नैनीताल हाईकोर्ट ने बीते दिनों इस मामले में दायर एक जनहित याचिका की वर्चुअल सुनवाई करते हुए एक बार फिर सख्त रुख अख्तियार किया है। हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी नैनीताल को 26 फरवरी तक इस मामले में पिछले दो साल के भीतर हुई प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
(Haldwani Flyover)
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बता दें कि वर्ष 2019 में हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के मुखानी चौराहे पर हो रहे अतिक्रमण और फ्लाईओवर निर्माण का मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। उस समय जहां प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी और करीब 71 कब्जे इनसे हटाए गए थे। वहीं हाईकोर्ट के आदेश पर लोक निर्माण विभाग ने फ्लाईओवर निर्माण को लेकर अनेक कंपनियों से प्रस्ताव मांगा था। कंपनियों से प्रस्ताव मिलने के बाद लोनिवि द्वारा फरीदाबाद की क्राफ्ट इंडिया व गुजरात की ट्रांस लिंक को अंतिम प्रक्रिया हेतु चयनित किया गया। जिसके उपरांत क्राफ्ट इंडिया को फ्लाईओवर निर्माण का कार्य सौंपा गया। लोक निर्माण विभाग ने फ्लाईओवर का डिजाइन तैयार करने के लिए शासन से 18 लाख रुपये की मांग की। लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी फ्लाईओवर के डिजाइन तैयार करने के लिए यह बजट शासन द्वारा स्वीकृत नहीं हो पाया। जिससे फ्लाईओवर निर्माण का मुद्दा अभी तक फाइलों में ही दफन हो कर रह गया है। अब मामले के दोबारा हाईकोर्ट के संज्ञान में आने से इस पर अगली सरकार में ही कुछ कारवाई करने की संभावना लगाई जा रही है।
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