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Shaheed Rakesh Singh and Ankesh bhardwaj jawan martyr of Devbhoomi Himachal Pradesh died in Arunachal Pradesh avalanche. Arunachal Pradesh Jawan Saheed.

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अरुणाचल प्रदेश हिमस्खलन में देवभूमि के दो लाल हुए शहीद, पहाड़ में दौड़ी शोक की लहर

Arunachal Pradesh Jawan Shaheed: महज 22 वर्ष की उम्र में शहीद हुआ देवभूमि हिमाचल का वीर सपूत अंकेश, शहीद राकेश की उम्र भी महज 26 साल, अपने पीछे छोड़ गया छः माह का नौनिहाल, परिवारों में कोहराम, प्रदेश में दौड़ी शोक की लहर..

बीते रोज अरूणाचल प्रदेश से समूचे देश के लिए एक दुखद खबर सामने आई थी जहां बीते छः फरवरी को कामेंग सेक्टर के ऊंचाई वाले इलाके में हुए भारी हिमस्खलन की चपेट में आकर भारतीय सेना के 7 जवान शहीद हो गए थे। इन शहीदों में पड़ोसी राज्य देवभूमि हिमाचल प्रदेश के भी दो वीर सपूत थे। जिनमें बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपतहसील के सेऊ गांव निवासी अंकेश भारद्वाज एवं कांगड़ा जिले के बैजनाथ उपमंडल की कंदराल पंचायत के महेशगढ़ गांव निवासी राकेश शामिल हैं। मंगलवार देर शाम जैसे ही अंकेश और राकेश की शहादत की खबर सेना के अधिकारियों द्वारा उनके परिजनों को दी गई तो जहां एक ओर दोनों परिवारों में कोहराम मच गया वहीं दूसरी ओर समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
(Arunachal Pradesh Jawan Shaheed)
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बता दें कि महज 22 वर्ष की उम्र में देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अंकेश दो वर्ष पूर्व ही सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स में भर्ती हुए थे। एक सैनिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले शहीद अंकेश के पिता बांचा राम जहां पूर्व सैनिक हैं वहीं पिता के चार अन्य भाई भी बीएसएफ और सेना में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुए हैं। परिजनों के मुताबिक अंकेश को बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देशसेवा करने का जूनून था। सेना में भर्ती होने के लिए वह नियमित 12 किलोमीटर तक सामान्य दिनचर्या में दौड़ते थे। इसके साथ ही उन्हें कुश्ती का भी शौक था। शहीद जवान का पार्थिव शरीर गुरुवार 10 फरवरी को उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना सेना के अधिकारियों द्वारा जताई गई है।
(Arunachal Pradesh Jawan Shaheed)

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वहीं दूसरी ओर अरूणाचल प्रदेश में वीरगति पाने वाला देवभूमि हिमाचल प्रदेश का दूसरा लाल राकेश अभी महज 26 साल का था एवं भारतीय सेना की 19 जैक राइफल में तैनात था। सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले राकेश के पिता जिगरी राम पूर्व नायक हैं और सेना से सेवानिवृत हुए हैं वहीं राकेश अपने पीछे पिता के अतिरिक्त माता संध्या देवी व पत्नी अंजलि देवी के साथ ही छः माह के मासूम बेटे को रोते-बिलखते छोड़ गए हैं। राकेश की शहादत की खबर से जहां उनके माता-पिता की आंखों से अश्रुओं की धारा थमने का नाम नहीं ले रही हैं वहीं उनकी पत्नी अंजलि छः माह के मासूम को गोद में लिए हुए बार-बार बेसुध हो रही है। शहीद के मासूम बच्चे को देखकर परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे ग्रामीणों की आंखें भी खुद-ब-खुद नमः हो जा रही है।
(Arunachal Pradesh Jawan Shaheed)



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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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