Saheed Dinesh Bohra Pithoragarh: तिरंगे में लिपटे शहीद दिनेश के पार्थिव शरीर को देखते ही बेसुध हुए परिजन, रूदन-क्रदन से गमहीन माहौल …
जवान बेटे की शहादत से बेसुध मां गीता, महज 7 वर्ष के भीतर ही सुहाग उजड़ने की खबर से बार-बार बदहवास होती पत्नी बबीता, इन दोनों को संभालने की नाकामयाब कोशिश करते बुर्जुग पिता पूरन सिंह और हृदय को विदिर्ण करने वाली परिजनों के रूदन-क्रदन की वो आवाजें.. आज कुछ ऐसा ही गमहीन माहौल है भुरमुनी गांव के शहीद आईटीबीपी जवान दिनेश के परिवार का। बता दें कि शहीद दिनेश का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके घर पहुंचा, जिसे देखते ही शहीद के परिजन बेसुध हो गए। परिवार के बड़े बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर जहां शहीद के परिजनों की आंखों से अश्रुओं की धारा थमने का नाम नहीं ले रही थी वहीं उनके पिता पूरन सिंह का भी गहरे सदमे में हैं। घर का मुखिया होने के नाते परिजनों को संभालना भी उनकी जिम्मेदारी है, अपने आंसूओं को छुपाकर खुद को संभालते हुए वह दिनेश की मां और पत्नी को भी ढ़ाढस बंधाया। दुःख की इस कठिन घड़ी में आस-पड़ोस के ग्रामीण दिनेश के परिजनों को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे परंतु दिनेश की 3 वर्षीय बेटी का मासूम चेहरा देखकर वह खुद भी आंसू नहीं रोक पाए।
Saheed Dinesh Bohra Pithoragarh
शहीद दिनेश बोहरा को श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब
गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के चंडाक क्षेत्र के भुरमुनी गांव निवासी दिनेश सिंह बोहरा बीते मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आईटीबीपी के जवानों की बस के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से शहीद हो गए थे। बता दें कि गुरुवार को जैसे ही आईटीबीपी के जवान शहीद दिनेश के पार्थिव शरीर को लेकर उनके घर पहुंचे तो तिरंगे में लिपटे बेटे को देखते ही जहां शहीद दिनेश की मां गीता बेसुध हो गई वहीं शहीद की पत्नी बबीता भी खुद को नहीं संभाल पाई और बिलख-बिलख कर रोने लगी। इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भी नम हो गई। इस दौरान भारत माता की जय, शहीद दिनेश बोहरा अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा दिनेश तेरा नाम रहेगा जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा।
Saheed Dinesh Bohra Pithoragarh
घर पहुंचा आईटीबीपी के शहीद कांस्टेबल दिनेश बोहरा का पार्थिव शरीर